जम्मू:नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर देशभर में चल रहे सियासी रार पर गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी दलों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने नए संसद भवन के निर्माण को सराहा है और कहा कि नए संसद भवन का निर्माण होना, अच्छी बात है।
विपक्ष के बहिष्कार पर आजाद ने क्यों कसा तंज?
विपक्ष के बहिष्कार पर उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, ”जहां तक नए संसद भवन का संबंध है, मुझे इस पर टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है कि कौन सी पार्टी नए भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेती है और कौन इसका बहिष्कार करती है।” आजाद ने कहा, “मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा। यह संसद में उन लोगों पर निर्भर है कि वे इसमें भाग लें या इसका बहिष्कार करें।”
नरसिम्हा राव को लेकर क्या बोले आजाद?
गुलाम नबी आजाद ने कहा, “1991-92 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान एक नया संसद भवन बनाने का विचार सामने आया था, जिस दौरान शिवराज पाटिल (लोकसभा) के अध्यक्ष और मैं संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में कार्य कर रहा था।” आजाद ने उस समय कहा था, “हमने प्रधानमंत्री के साथ एक नए और बड़े संसद भवन के निर्माण की आवश्यकता पर चर्चा की।”
नई संसद पर सरकार को मिला गुलाम नबी का साथ
आजाद ने कहा, “विभिन्न कारणों से उस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, लेकिन अब एक नए संसद भवन का निर्माण किया गया है, और यह एक अच्छी बात है।”
विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का क्यों किया बहिष्कार?
बता दें कि कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। वहीं, गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल कांग्रेस के साथ अपने करीब पांच दशक लंबे संबंध को खत्म किया था। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बाद, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) का गठन किया था।