चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं। आज नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। आज 28 मार्च 2023 को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की विधि-विधान से पूजा करें। मां कालरात्रि के स्वरूप की बात करें तो उनका शरीर अंधकार की तरह काला है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है। जानें मां कालरात्रि पूजा- विधि, मंत्र, भोग, आरती, महत्व और शुभ मुहूर्त…
मां कालरात्रि को कौन-सा भोग पसंद है-
मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीजें पसंद है। इसलिए महासप्तमी के दिन मां दुर्गा को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं।
मां कालरात्रि की इन शुभ मुहूर्त करें पूजा-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:30 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 12:02 पी एम से 12:51 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:35 पी एम से 06:59 पी एम
अमृत काल- 07:58 ए एम से 09:43 ए एम
निशिता मुहूर्त- 12:03 ए एम, मार्च 29 से 12:49 ए एम, मार्च 29
द्विपुष्कर योग- 06:16 ए एम से 05:32 पी एम
मां कालरात्रि पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।
मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम लगाएं।
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती भी करें।
मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र-
‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’
मंत्र-
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व-
मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। मां कालरात्रि की कृपा से बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। मां दुर्गा का यह स्वरूप दुष्टों और शत्रुओं का संहार करने वाला है। मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से तनाव भी दूर हो जाता है।
मां कालरात्रि की आरती-
कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
महा चंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पर सारा
महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों का लहू चखने वाली
कलकत्ता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखूं तेरा नजारा
सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदंता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
ना कोई गम ना संकट भारी
उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे
तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय