गाजियाबाद। विवादास्पद संत यति नरसिंहानंद गिरि ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर योगी आदित्यनाथ सरकार से उन्हें ‘अवैध हिरासत’ से रिहा करने की मांग की, ताकि वह अपने खिलाफ दायर जनहित याचिका का जवाब दे सके। महाराष्ट्र स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ ने दो दिन पहले उनके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी।
यह वीडियो यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव डॉ. उदिता त्यागी ने मीडिया के साथ शेयर किया है। नरसिंहानंद ने वीडियो में दावा किया कि उनकी हत्या ‘प्रशिक्षित हत्यारों’ द्वारा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मरने से पहले वह पैगंबर पर दिए अपने बयान को स्पष्ट करना चाहते है और इसके लिए उन्हें प्रामाणिक इस्लामी पुस्तकों से सबूत इकट्ठा करने की जरूरत है।
नरसिंहानंद पर इस महीने की शुरुआत में 29 सितंबर को गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए घृणास्पद भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था। मुंबई निवासी मोहम्मद यूसुफ और जाकिर हुसैन मुस्तफा शेख द्वारा दायर जनहित याचिका में नरसिंहानंद के घृणास्पद भाषण को सभी सोशल मीडिया मंचों से हटाने की मांग की गई है।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर कर अदालत से यति को पैगंबर मोहम्मद और कुरान के खिलाफ टिप्पणी करने से रोकने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, यति माहौल को खराब कर रहे हैं।
जनहित याचिका में कहा गया है कि अगर यति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती है तो हमारे देश और राज्यों के सभी तंत्र विफल हो जाएंगे। अदालत से प्रार्थना की गई है कि यति को विवादास्पद धार्मिक बयान देने से रोका जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से उत्तर प्रदेश सरकार को यति नरसिंहानंद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, यति राष्ट्र विरोधी कार्य कर रहे हैं।