नई दिल्ली:कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान उन्होंने अदालत से मांग की कि उनके खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में और जांच की जाए। उनकी दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने 26 अप्रैल तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। आज अदालत यौन उत्पीड़न के मामले में बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय करने को लेकर फैसला सुनाने वाली थी। बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने उनका यौन उत्पीड़न किया था।
इन आरोपों को बृजभूषण शरण सिंह खारिज करते रहे हैं और राजनीति से प्रेरित बताया है। गुरुवार को बृजभूषण शरण सिंह के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत की अदालत ने फैसला को सुरक्षित रख लिया। वहीं महिला पहलवानों का पक्ष रख रहे वकीलों ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह की दलील मामले को लटकाने वाली है। वह आगे जांच की मांग इसलिए कर रहे हैं ताकि पूरी प्रक्रिया में देरी की जा सके। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि शिकायत करने वाली पहलवानों में से एक ने जिस दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, तब वह दिल्ली में ही नहीं थे।
बृजभूषण शरण सिंह ऐसे वक्त में अदालत में पेश हुए, जब यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से उनके टिकट पर संशय बना हुआ है। भाजपा ने यूपी की लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं, लेकिन अब तक बृजभूषण के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। बता दें कि उन पर आरोप लगाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक को मशहूर ‘टाइम’ पत्रिका ने 2024 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया है। मलिक को भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए इस सूची में जगह दी गयी है।
साक्षी मलिक ने दो बार की विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता विनेश फोगाट और तोक्यो ओलंपिक के कांस्य विजेता बजरंग पूनिया के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। इन्होंने देश की महिला पहलवानों को डराने धमकाने और कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। विरोध प्रदर्शन पिछले साल जनवरी में शुरू हुआ। इसके बाद सिंह के खिलाफ यह लड़ाई एक साल तक चली।