चंडीगढ़। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम इन दिनों बाबा सिद्दिकी मर्डर केस में सामने आ रहा है। इसके अलावा लॉरेंस बिश्नोई कई अन्य केसेज में भी वांटेड है। इस बीच गैंगस्टर को एक केस में राहत मिली है। यह मामला 13 साल पुराना है जो पंजाब के मोहाली में हुआ था। लॉरेंस बिश्नोई के ऊपर एक स्कूली छात्र के साथ मारपीट का आरोप लगा था। घटना 5 फरवरी, 2011 को हुई थी। आरोप है कि गैंगस्तर खालसा कॉलेज के परिसर में जबर्दस्ती घुस गया था। वहां उसने सतविंदर नाम के छात्र को पीटा। उसके ऊपर गोलियां चलाने का भी आरोप है।
इस बीच सलमान के घर के बाहर गोलियां चलाने वाले और बाबा सिद्दिकी की हत्या में शामिल सा शूटर्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के इन शूटर्स को पिछले 48 घंटे में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। यही सात शूटर ही उन सभी आरोपों का सबसे बड़ा लिंक हैं जो गुजरात की साबरमती जेल में बंद बिश्नोई के ऊपर लगे हैं। इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को एनआईए ने मोस्ट वांटेड लिस्ट में डाल दिया है। इसके अलावा अनमोल के ऊपर 10 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है।
उधर मुंबई की एक अदालत ने बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में नौ आरोपियों की पुलिस रिमांड शुक्रवार को 26 अक्टूबर तक बढ़ा दी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के बांद्रा स्थित दफ्तर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किए गए नौ लोगों को शुक्रवार को उनकी प्रारंभिक रिमांड समाप्त होने पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड अदालत) वी आर पाटिल के समक्ष पेश किया गया था।
पुलिस ने उनकी रिमांड तीन दिन बढ़ाने की मांग की, वहीं अदालत ने शनिवार तक एक दिन के लिए रिमांड बढ़ाई। इस मामले के नौ आरोपियों में गुरमेल बलजीत सिंह (23), धर्मराज कश्यप (21), हरीश कुमार निसाद (26), प्रवीण लोनकर (30), नितिन गौतम सप्रे (32), संभाजी किसन पारधी (44), प्रदीप दत्तू थोम्ब्रे (37), चेतन दिलीप पारधी और राम फूलचंद कनौजिया (43) हैं।
पुलिस के अनुसार, हरियाणा निवासी सिंह और उत्तर प्रदेश निवासी कश्यप के साथ-साथ वांछित आरोपी शिवकुमार गौतम ने सिद्दीकी पर गोली चलाई, जबकि पुणे निवासी प्रवीण लोनकर का भाई शुभम कथित तौर पर जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है। उसने और अन्य वांछित आरोपियों ने हत्या की साजिश रची थी और सभी शूटर को हथियार मुहैया कराए थे। पुलिस के अनुसार पुणे निवासी कबाड़ विक्रेता निसाद ने इस काम के लिए पैसों का बंदोबस्त किया था।