डेस्क:अगर आप बैंक में पैसे जमा करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, केंद्र सरकार इस महीने के अंत तक बैंक डिपॉजिट के लिए इंश्योरेंस कवर को मौजूदा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 8-12 लाख रुपये करने के लिए तैयार है। इससे पहले वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने कहा था कि केंद्र सरकार डिपॉजिट इंश्योरेंस पर लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे पहले पीएमसी बैंक घोटाले के बाद साल 2020 में डिपॉजिट इंश्योरेंस लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई थी।
कब कर सकते हैं क्लेम
बता दें कि बैंक जमा पर बीमा, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) द्वारा पेश किया जाता है। यह आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह कंपनी कॉमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के साथ-साथ सहकारी बैंकों में डिपॉजिट इंश्योरेंस का प्रबंधन करती है। ग्राहकों द्वारा डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम तब शुरू किया जा सकता है जब कोई बैंक डूब जाता है।
आरबीआई ने की है इस बैंक पर कार्रवाई
यह खबर ऐसे समय में आई जब रिजर्व बैंक की ओर से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कार्रवाई की गई है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर अगले छह महीने के लिए कई कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। रिजर्व बैंक ने बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग भी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 1.3 लाख जमाकर्ताओं में से 90 प्रतिशत की पूरी रकम डीआईसीजीसी के अंतर्गत आएगी।
जांच से मिली जानकारी
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाले का पता फिजिकल जांच में चला, जिसमें सामने आया कि बही-खाते में दर्शायी गई 122 करोड़ रुपये की नकदी गायब है। जांच में पता चला कि बैंक के महाप्रबंधक-वित्त हितेश मेहता ने कथित तौर पर गबन की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा एक स्थानीय बिल्डर को दे दिया है।