ढाका: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल (ICT) ने बर्खास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगी को अदालत की अवमानना मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
न्यायमूर्ति गोलाम मोर्तुज़ा मोजुमदार की अध्यक्षता वाली इस ट्राइब्यूनल ने यह आदेश बुधवार को जारी किया। आदेश का आधार एक वायरल ऑडियो क्लिप है जिसमें हसीना द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और ट्राइब्यूनल को धमकी देने की बात सामने आई है। यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने दी।
ICT के अभियोजक गाज़ी एम.एच. तमीम ने गुरुवार को बताया कि ट्राइब्यूनल ने हसीना और प्रतिबंधित बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) के नेता शकील आलम बुलबुल को 15 मई तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।
यह नोटिस उस वायरल ऑडियो क्लिप के फॉरेंसिक विश्लेषण के बाद जारी किया गया जिसमें एक आवाज कहती है, “मेरे खिलाफ 227 केस दर्ज हैं, इसलिए मैंने 227 लोगों को मारने का लाइसेंस ले लिया है।” फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार यह आवाज शेख हसीना की ही है।
यह ऑडियो पिछले वर्ष के अंत में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। ICT का कहना है कि आवाज की जांच एजेंसी ने फॉरेंसिक परीक्षण के बाद पुष्टि की है कि यह शेख हसीना की ही है।
बता दें कि शेख हसीना पिछले वर्ष 5 अगस्त को भारत भाग गई थीं, जब एक विशाल छात्र आंदोलन ने उनके 15 वर्षों के शासन को उखाड़ फेंका था। इसके तीन दिन बाद मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला।
इससे इतर, ट्राइब्यूनल ने गुरुवार को नारायणगंज में पिछले साल जुलाई में हुए जनविद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल आठ व्यक्तियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
ICT के मुख्य अभियोजक मुहम्मद ताजुल इस्लाम ने बताया कि आरोपी, नारायणगंज में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों पर क्रूर हमलों में शामिल थे।