डेस्क:बांग्लादेश में पिछले साल हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद से बांग्लादेश में हालात अब तक बेहतर नहीं हो पाए हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने भले ही खुद को क्लीन चिट दे दिया हो पर बीते छह महीनों में बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के लिए नर्क बन गया है। भारत सरकार ने हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर बार-बार बांग्लादेश को चेतावनी भी दी है, हालांकि बीते दिनों बंगबंधु मुजीबुर रहमान के घर हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने यूनुस सरकार की पोल एक बार फिर खोल दी है। इस बीच शुक्रवार को केंद्र सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक बीते साल अगस्त के बाद से हुई हिंसक घटनाओं में अब तक दर्जनों हिंदुओं की मौत हो चुकी है।
सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि पिछले साल 5 अगस्त से बांग्लादेश में 23 हिंदुओं की हत्या कर दी गई है। सरकार ने बताया कि कम से कम 152 हिंदू मंदिरों पर हमले भी हुए हैं। सरकार ने कहा है कि भारत इन घटनाओं को गंभीरता से ले रहा है। लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री (MoS) कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “पिछले दो महीनों में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमलों की 76 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं बीते अगस्त से 23 हिंदुओं की मौत हुई है और हिंदू मंदिरों पर हमले की 152 घटनाएं सामने आई हैं।
भारत रख रहा है नजर
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर नजर रख रही है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है। राज्य मंत्री ने कहा, “9 दिसंबर को विदेश सचिव ने बांग्लादेश दौरे पर हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता की बात दोहराई थी। 10 दिसंबर 2024 को बांग्लादेश सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों से संबंधित 88 मामलों में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने जांच के बाद में 1254 घटनाओं की पुष्टि की है।”
यूनुस सरकार का अलग ही दावा
इससे पहले यूनुस की सरकार ने दुनियाभर में हो रही आलोचनाओं के बाद हिंदुओं पर हो रहे हमलों की सुध ली थी। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के एक संयुक्त मंच ने यह बताया था कि अगस्त से दिसंबर तक 174 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं जिनमें 23 हिंदुओं की हत्या कर दी गई है। हालांकि मोहम्मद यूनुस की सरकार ने इस आरोप के जवाब में कहा है कि पुलिस ने जांच करवाई और निष्कर्ष निकला कि किसी भी हत्या में सांप्रदायिक एंगल नहीं है। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के दावा किया कि बीते साढ़े चार महीनों में किसी भी व्यक्ति की सांप्रदायिक कारणों से मौत नहीं हुई है।