ढाका: बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फ़ैसले में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता एटीएम अज़हरुल इस्लाम को 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े युद्ध अपराध मामले में मौत की सज़ा से बरी कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश सैयद रिफ़ात अहमद की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की पीठ ने इस्लाम को बरी करते हुए जेल प्रशासन को आदेश दिया कि यदि वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
राज्य और बचाव पक्ष के वकीलों के अनुसार, शीर्ष अदालत ने पाया कि पहले दी गई मौत की सज़ा पर्याप्त साक्ष्यों के मूल्यांकन के बिना सुनाई गई थी और यह न्यायिक प्रक्रिया में त्रुटियों का परिणाम थी।
73 वर्षीय इस्लाम को 2014 में मानवता के विरुद्ध अपराधों – जिनमें नरसंहार, हत्या और बलात्कार शामिल थे – के लिए दोषी ठहराया गया था। 2019 में उनकी सज़ा को उच्चतम अपीलीय पीठ ने बरकरार रखा था, लेकिन उन्होंने 2020 में 14 कानूनी आधारों पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
यह फ़ैसला राजनीतिक हलकों में उथल-पुथल का कारण बना है। अंतरिम सरकार के पूर्व कानून सलाहकार प्रो. आसिफ़ नज़रुल ने इस निर्णय को पिछले वर्ष हुए छात्र आंदोलन की जीत बताया, जिसने 5 अगस्त 2024 को शेख़ हसीना की सरकार को सत्ता से बेदख़ल किया था।
हालांकि, ढाका और राजशाही विश्वविद्यालयों में वामपंथी छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। बांग्लादेश स्टूडेंट्स यूनियन और रेवोल्यूशनरी स्टूडेंट यूनिटी ने इस फ़ैसले की निंदा करते हुए कहा कि अंतरिम सरकार 1971 के युद्ध अपराधों को फिर से लिखने और ‘राजाकरों’ को पुनर्वास देने की कोशिश कर रही है।
राजशाही विश्वविद्यालय में विरोध मार्च के दौरान झड़पें हुईं, जब इस्लामी छात्र शिबिर के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से वामपंथी छात्रों पर हमला किया। दोनों पक्षों के कई छात्र घायल हुए।
2009 से अब तक, बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी के कई शीर्ष नेताओं को 1971 के युद्ध अपराधों में दोषी ठहराकर फांसी दी जा चुकी है। इस्लाम पहले ऐसे नेता हैं जिन्हें सर्वोच्च अदालत ने दोषमुक्त किया है।
इस बीच, जमात-ए-इस्लामी के वर्तमान प्रमुख शफीकुर रहमान ने एक दुर्लभ क़दम उठाते हुए पार्टी की ओर से बिना शर्त माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा, “हम इंसान हैं, हमसे भी गलतियाँ हो सकती हैं। यदि हमारे किसी कार्यकर्ता या पार्टी ने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो, तो हम क्षमा याचना करते हैं।”