बच्चे के व्यक्तित्व को निखारने और खराब करने में कई बार उसके दोस्तों के साथ उसके खुद के पेरेंट्स का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। वो माता-पिता ही होते हैं, जो सबसे पहले अपने बच्चों में अच्छे संस्कारों की नींव रखते हैं। लेकिन अगर माता-पिता के आलस या नासमझी की वजह से ये नींव कमजोर पड़ जाती है तो उसका भुगतान बच्चा उम्र भर आलसी बनकर करता रहता है। आइए जानते हैं पेरेंटिंग से जुड़ी ऐसी ही 3 गलतियों के बारे में, जो बच्चे को आलसी बना देती है।
बच्चे को आलसी बना सकती हैं पेरेंट्स की ये 3 गलतियां
बच्चे का काम खुद करना
कई पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर एक्स्ट्रा पोजेसिव होते हैं। ऐसे पेरेंट्स स्कूल से लेकर खेल-कूद से जुड़ा बच्चे का हर काम खुद ही करने लग जाते हैं। जिसकी वजह से बच्चे को ना तो अपना काम खुद करने का मौका मिलता है और ना ही वो जीवन में कुछ नया सीख पाता है। कुछ समय बाद बच्चे को यही काम करने में आलस महसूस होने लगता है और वो इन कामों को करने से जी चुराता है। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चे को उसका काम खुद करने दें, जरूरत पड़ने पर उसकी मदद जरूर करें, लेकिन खुद से उसका काम ना करने लग जाएं।
कठिन परिस्थिति का नहीं करने देते सामना
कई पेरेंट्स अपने बच्चों की छोटी से छोटी उलझन भी खुद सुलझाने बैठ जाते हैं। ऐसे माता-पिता अपने बच्चों को जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना खुद नहीं करने देते हैं। जिससे उनके भीतर का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। ऐसे बच्चे बड़े होकर भी अपने जीवन से जुड़ा कोई भी बड़ा फैसला खुद नहीं ले पाता है और माता-पिता पर पूरी तरह निर्भर बने रहे हैं। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को कभी-कभी संघर्ष करने का मौका दें। जिससे वे समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
पेरेंट्स की खराब आदतें
कई पेरेंट्स खुद ही अपना ज्यादातर समय टीवी और फोन पर रील्स देखने में गुजारते हैं, जिसे देखकर बच्चा भी पढ़ाई से मन हटाकर उन्हें कॉपी करने लगता है। जिससे बच्चे का काफी समय खराब होने के साथ उसकी आंखों को भी नुकसान पहुंचता है। पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चे के सामने कम से कम मोबाइल देखें, जितना फ्री समय मिले, उसे अपने बच्चे की समस्याओं को सुनने में लगाएं।