माता-पिता अक्सर बच्चों को खुद को सुरक्षित रखने के तरीकों के बारे में बताते हैं। इनमें होते हैं कि सड़क पार करते हैं तो दोनों तरफ देखें, सीट बेल्ट बांधें, या हानिकारक चीजों के साथ मत खेलो। लेकिन कुछ बातचीत बच्चों के साथ करना मुश्किल होती हैं। इसमें से एक है यौन शोषण के बारे में बात करना। कई माता-पिता बच्चों से गुड टच और बैड टच के बारे में बात करने में देरी करते हैं। हालांकि बच्चों को स्कूल भेजने से पहले ही इस बारे में सिखाना चाहिए जिससे की बच्चे घर से बाहर स्कूल या बस में इन सबसे सुरक्षित रहें। बच्चों को ये इस तरह समझाना चाहिए की बच्चे डरें नहीं और बात को समझकर अपनी सुरक्षा करना सीखें।
बच्चों को सिखाएं आप अपने शरीर के मालिक
शरीर की सुरक्षा के बारे में उन सरल तरीकों से बात करें जिन्हें बच्चे समझ सकते हैं। यह दो साल की उम्र से ही शुरू हो सकता है। बच्चों को बताएं कि उनके शरीर पर किसी और का नहीं उन्हीं का हक है। कोई उन्हें उनके शरीर के साथ कुछ करे या करने के लिए कहे तो उसे न करएं।
जबरदस्ती के टच से बचें
बच्चे को बताएं कि किसी के भी साथ जबरदस्ती स्नेह या शारीरिक संपर्क न किया जाए। यहां तक कि परिवार के सदस्यों को गले लगाना भी जरूरी नहीं। बच्चों को समझाना जरूरी है कि माता-पिता के अलावा किसी को किस करना या टच करना जरूरी नहीं।
शरीर के अंगों के लिए उचित शब्दों का प्रयोग करें
सभी माता-पिता शरीर रचना विज्ञान और शरीर के अंगों के बारे में सही नाम का ही प्रयोग करें। अंगों के लिए गलत नाम का इस्तेमाल न करें। इससे बच्चों को पूरी तरह समझने में परेशानी हो सकती है।
गुड टच और बैड टच के बारे में बात करें
आप अपने बच्चों को अलग-अलग टच के बारे में बताएं। उन्हें बताए कि कहां और कैसे सही टच होता है और क्या गलत। पीठ पर थपथपाना या गले लगाना कैसे गुड होता है और प्राइवेट पार्ट पर छूना गलत, भले ही वह परिवार का सदस्य या दोस्त ही क्यों न हो।
v