माता-पिता अक्सर लोगों के सामने बच्चे की गलती करने पर उसे समझाने के लिए मारने-पीटने की बजाय चीखने-चिल्लाने को बेहतर समझते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से आपका बच्चा मार खाने से तो बच जाता है, लेकिन आपकी यह आदत धीरे-धीरे उसकी पर्सनालिटी में बड़ा बदलाव ला सकती है। पेरेंट्स का ऐसा सख्त व्यवहार बच्चों में झूठ बोलने, गुस्सा करने, चिड़चिड़ाने, बात न मानने, और ध्यान आकर्षित करने के लिए गलत कदम उठाने जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है। बच्चों को अनुशासन में रखना हर माता-पिता की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है, लेकिन इस जिम्मेदारी को निभाते समय उन्हें बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य का भी खास ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि लोगों के सामने बच्चे पर चिल्लाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
- डिप्रेशन का बढ़ना: ‘द जर्नल ऑफ चाइल्ड डेवलपमेंट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों पर चिल्लाना उन्हें पीटने जैसा ही असर डालता है। विशेषकर, जब बच्चों पर सार्वजनिक रूप से चिल्लाया जाता है, तो उनके भीतर बेचैनी, तनाव और डिप्रेशन के लक्षण पनपने लगते हैं।
- आत्मविश्वास की कमी: चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट मानते हैं कि बच्चों पर चिल्लाने से उनका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है। अगर किसी बच्चे को बचपन में बहुत ज्यादा डांट पड़ती है, तो वह आत्मविश्वास की कमी के कारण दोस्तों के बीच भी ठीक से बात नहीं कर पाता।
- वॉर्निंग सिस्टम का सक्रिय होना: मनोविज्ञानी बर्नार्ड गोल्डन के अनुसार, चिल्लाने या तेज आवाज सुनने पर व्यक्ति के शरीर का वॉर्निंग सिस्टम सक्रिय हो जाता है। इसके बाद व्यक्ति तुरंत ही फाइट या फ्रीज की स्थिति में आ जाता है, जिसका सीधा असर दिमाग के उन हिस्सों पर पड़ता है जो कार्टिसोल और एड्रेनेलिन हॉर्मोन को बढ़ाते हैं। यह शरीर को खतरे से लड़ने के लिए तैयार कर देता है।
- गुस्सैल स्वभाव का बनना: बच्चों का मन बेहद कोमल होता है, जिससे कोई भी अप्रिय बात उन्हें जल्दी आहत कर सकती है। सार्वजनिक रूप से बच्चे को डांटना उसे स्वभाव से गुस्सैल बना सकता है, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है।
- रिश्तों की डोर कमजोर होना: समय के साथ माता-पिता अपने बच्चे के साथ रिश्ते को मजबूत बनाने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन अगर आप अपने बच्चे को लोगों के सामने डांटते या चिल्लाते हैं, तो उन्हें बुरा लगता है और वे अपने माता-पिता के साथ सुरक्षित महसूस नहीं करते। ऐसे बच्चे अपने माता-पिता पर विश्वास खो देते हैं, जिससे उनके रिश्ते कमजोर पड़ने लगते हैं।