नई दिल्ली:आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अपने सार्वजनिक बयानों में सतर्क रहने की सलाह जारी की है। आयोग का कहना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भविष्य में अपने सार्वजनिक बयानों में अधिक सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग से कहा था कि वह पिछले साल नवंबर में अपने भाषण के लिए कांग्रेस सांसद के खिलाफ उचित कार्रवाई करे। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए जेबकतरे शब्द का इस्तेमाल किया था। चुनाव आयोग ने पीएम मोदी पर पैनौती और जेबकतरे वाले तंज को लेकर राहुल गांधी को नोटिस भी जारी किया था।
सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस साल एक मार्च की अपनी सलाह दोहराई और कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान इसका गंभीरता से पालन किया जाना चाहिए। राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, एक सूत्र ने कहा, ”21 दिसंबर, 2023 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और राहुल गांधी के जवाब सहित प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणियों से संबंधित सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद, भारत के चुनाव आयोग ने सलाह दी है कांग्रेस नेता भविष्य में अधिक सावधान और सतर्क रहें।”
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से सार्वजनिक बयान देते समय सभी दलों, स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को आयोग की सलाह का ध्यान रखने को कहा है। चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह सभी राजनीतिक दलों को सार्वजनिक प्रचार में मर्यादा और अत्यधिक संयम बनाए रखने और चुनाव प्रचार के स्तर को बढ़ाने के लिए एक सलाह जारी की थी। सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग आगामी चुनावों में समय और सामग्री के संदर्भ में दिए जाने वाले नोटिस पर फिर से काम करने के लिए उचित आधार के रूप में सलाह के अनुसार किसी भी अप्रत्यक्ष एमसीसी उल्लंघन का आकलन करेगा।
बता दें कि जल्द ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है। माना जा रहा है अप्रैल और मई में देशभर में वोट डाले जाएंगे। कुछ ही दिनों में चुनाव आयोग तारीखों की घोषणा कर सकता है। मुख्य मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का विपक्ष के गठबंधन वाले इंडिया अलायंस से होगा। बीजेपी का दावा है कि इस बार उनकी पार्टी 370 और एनडीए 400 सीटें जीतने जा रहा है तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ने अपनी जीत का दावा किया है। पिछले 2019 लोकसभा चुनाव में कुल सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक वोट डाले गए थे और नतीजों का ऐलान 23 मई को हुआ था।