डेस्क:एक्ट्रेस भाग्यश्री का मानना है कि छोटे कपड़े पहनना, शराब पीना या गालियां देना पुरुषों की बराबरी नहीं। न ही ब्रा जला देना फेमनिजम है। उनका मानना है कि औरतों और पुरुषों को भगवान ने अलग तरह से बनाया है ताकि दोनों एक साथ आगे बढ़ सकें। इतना ही नहीं भाग्यश्री ने बताया की उनकी नजर में फेमनिजम क्या है।
ये कैसी बराबरी
हॉटरफ्लाी से बातचीत में भाग्यश्री ने कहा, ‘कई महिलाएं फेमनिजम के कॉन्सेप्ट को कुछ और समझ लेती हैं। मैं सिर्फ पुरुषों को ही दोष नहीं देती। मैं महिलाओं को भी दोष देती हूं। जब आप बोलते हैं पितृसत्ता लंबे वक्त से चल रही है और हम विद्रोह करना चाहते हैं। तो वो ब्रा जलाने वाली महिलाएं भी रही हैं जो जाकर बोलेंगी कि जो हमें पसंद हैं वो पहनेंगे, जैसे बात करनी हो करेंगे। लेकिन यह बराबरी कैसे हुई? गालियां देना या कम कपड़े पहनना, गलत व्यवहार करना या शराब पीना बराबरी कैसे हुई? क्यों? क्योंकि पुरुष ऐसा करते हैं? ये सब आपको फेमनिस्ट नहीं बनाता।’
महिला-पुरुष के अलग गुण
भाग्यश्री ने कहा कि बराबरी तो वो है जो महिला और पुरुषों को अपने सपने पूरे करने के लिए बराबर के अधिकार दे। वह बोलीं, ‘भगवान ने महिलाओं को कुछ गुण प्राकृतिक रूप से दिए हैं। वह केयर करने वाली है, पोषण करने वाली है, ज्यादा सेंसिटिव है, वह पुरुष से ज्यादा सहनशील है। पुरुषों की कदकाठी बड़ी होती है। शायद उनके पास ज्यादा मसल्स इसलिए होती हैं ताकि शारीरिक रूप से वह प्रोटेक्टर होते हैं। इसलिए इन गुणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए न कि एक-दूसरे से प्रतिस्पर्था रखनी चाहिए। इसीलिए परमात्मा ने कपल बनाए हैं।’