20 अप्रैल 2025, रविवार – आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और रविवार का पावन संयोग है, जिसे भानु सप्तमी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जब किसी माह की सप्तमी तिथि रविवार को आती है, तब भानु सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन सूर्यदेव की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व होता है।
भानु सप्तमी का महत्व:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की आराधना करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। जिन लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी चल रही हो, उनके लिए यह दिन विशेष फलदायी होता है।
भानु सप्तमी व्रत और पूजा-विधि
- आज प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से शुद्ध हो जाएं।
- इसके बाद सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत, रोली और गुड़ मिलाकर अर्घ्य दें।
- व्रत का संकल्प लें और सूर्यदेव के मंत्रों का जप करें।
(मंत्र उदाहरण: “ॐ घृणि: सूर्याय नमः”) - सूर्यदेव के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उनकी आरती करें।
- सूर्यदेव को पीले फल, मिठाई और गुड़ का भोग अर्पित करें।
- दिनभर फलाहार करें और व्रत में नमक का सेवन न करें।
- पूजा उपरांत मंदिर में या किसी ज़रूरतमंद को गुड़, गेहूं, चावल और धन का दान करें।
आज के शुभ मुहूर्त (20 अप्रैल 2025):
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:23 AM – 05:07 AM
- प्रातः संध्या: 04:45 AM – 05:52 AM
- अभिजित मुहूर्त: 11:54 AM – 12:46 PM
- विजय मुहूर्त: 02:30 PM – 03:22 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:48 PM – 07:10 PM
- सायाह्न संध्या: 06:49 PM – 07:55 PM
- रवि योग: 10:21 AM – 05:51 AM (21 अप्रैल)
- निशीथ काल: 11:58 PM – 12:42 AM (21 अप्रैल)
पीले वस्त्रों का महत्व आज के दिन
भानु सप्तमी पर पीले रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है। पीला रंग ऊर्जा, सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक है। इस रंग को भगवान सूर्य, देवगुरु बृहस्पति और माता लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। आज के दिन पीले वस्त्र पहनने से न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि सूर्यदेव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
भानु सप्तमी का दिन सूर्य उपासना, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। आज के दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखकर और विधिवत पूजा-अर्चना कर आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का स्वागत कर सकते हैं।