नई दिल्ली:भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा को लेकर तनाव बढ़ गया है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के शुकदेवपुर गांव में भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश की बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के बीच हाल ही में विवाद देखने को मिला। यह विवाद भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने के प्रयासों को लेकर हुआ है। बांग्लादेश ने आरोप लगाया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर एक बार फिर से विदेश मंत्रालय ने भारत का रुख स्पष्ट किया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने शुक्रवार को कहा, “हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। हमने बांग्लादेश के कार्यवाहक उप उच्चायुक्त को तलब किया और सीमा पर बाड़ लगाने के बारे में अपनी बात रखी। हम बांग्लादेश के साथ अपराध-मुक्त सीमा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने आगे बताया कि तस्करी, मानव व्यापार, और अन्य अपराधों को रोकने के लिए बाड़बंदी, सीमा पर लाइटिंग, तकनीकी उपकरणों की स्थापना, और मवेशी बाड़ जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा की लंबाई 4,096 किलोमीटर है। इस पर लंबे समय से विवाद रहा है। हाल ही में भारत ने सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की योजना बनाई, जिसका बांग्लादेश ने कड़ा विरोध किया। शुकदेवपुर गांव में बाड़बंदी के प्रयास को लेकर हुए इस विवाद ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और बिगाड़ दिया है।
भारत और बांग्लादेश के बीच यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाकर नोबेल पुरस्कार विजेता और वर्तमान कार्यवाहक सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार बनी है। नए नेतृत्व के कारण द्विपक्षीय संबंधों में खटास आ गई है, और सीमा विवाद ने इसे और जटिल बना दिया है।
भारत का कहना है कि सीमा पर बाड़बंदी का उद्देश्य अपराध रोकना है और यह पहले से किए गए समझौतों के तहत किया जा रहा है। प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश इन समझौतों का पालन करते हुए भारत के साथ मिलकर सीमा अपराधों को रोकने के लिए काम करेगा।
इसी महीने 13 जनवरी को भारत ने बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूर-अल-इस्लाम को तलब किया और उन्हें बताया कि भारत ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के निर्माण में सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया है। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को पड़ोसी देश के विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किए जाने और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ‘‘गतिविधियों’’ पर अपनी ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त करने के एक दिन बाद भारत ने यह कदम उठाया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नूर-अल-इस्लाम को बताया गया कि भारत ने सीमा पर सुरक्षा उपायों के संबंध में दोनों सरकारों के बीच सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है। भारत ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश द्वारा पूर्व में दोनों देशों के बीच बनी सभी सहमतियों को लागू किया जाएगा तथा सीमा के आर-पार अपराधों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘भारत में बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूर-अल-इस्लाम को विदेश मंत्रालय ने सोमवार अपराह्न दो बजे साउथ ब्लॉक में तलब किया।’’ विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘यह बताया गया कि बाड़ लगाने सहित सीमा पर सुरक्षा उपायों के संबंध में भारत ने दोनों सरकारों और सीमा सुरक्षा बल तथा ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) के बीच सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है।’’
बयान में कहा गया कि भारत ने सीमा पार आपराधिक गतिविधियों, तस्करी, अपराधियों की आवाजाही और मानव तस्करी की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करके अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कंटीले तार लगाना, सीमा पर प्रकाश व्यवस्था, तकनीकी उपकरणों की स्थापना और मवेशियों के लिए बाड़ लगाना सीमा को सुरक्षित करने के उपाय हैं।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश द्वारा पहले की सभी सहमतियों को लागू किया जाएगा और सीमा पार अपराधों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।’’