पुणे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए सफल समझौते का श्रेय सेना को दिया, जिसने बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में और कुशल कूटनीति से काम किया। जयशंकर ने छात्रों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने में अभी समय लगेगा। भरोसे को फिर से कायम करने और साथ मिलकर काम करने में स्वाभाविक रूप से समय लगेगा।
सेना ने अपना काम किया और कूटनीति ने भी अपना काम किया
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने अपने बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। एक समस्या यह भी रही कि पहले के वर्षों में सीमा पर बुनियादी ढांचे की वास्तव में उपेक्षा की गई थी। आज हम एक दशक पहले की तुलना में प्रति वर्ष पांच गुना अधिक संसाधन लगा रहे हैं। इसके परिणाम सामने आ रहे हैं और सेना को वास्तव में प्रभावी ढंग से तैनात करने में सक्षम बना रहे हैं।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी
कुछ दिन पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था, जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। जून 2020 में गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।
विश्वास है कि मीडिया सकारात्मक तरीके से लिखेगा
एस जयशंकर ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मीडिया की अनुकूल कवरेज को लेकर चुटकी ली। उन्होंने भाजपा के पश्चिमी महाराष्ट्र मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मुझे खुशी है कि मैं विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने आ सका। मैं भविष्य में भी यहां आता रहूंगा। मुझे विश्वास है कि मीडिया हमारे (भाजपा) बारे में सकारात्मक तरीके से लिखेगा। –