नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा वांछित घोषित प्रतिबंधित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज गरांटेक्स के लिथुआनियाई सह-संस्थापक अलेक्सेय बेस्कियोकोव को भारत में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर अरबों डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेनदेन में संलिप्त होने के आरोप हैं। भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और केरल पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर मंगलवार को उन्हें केरल के वरकला से गिरफ्तार किया, जब वह वहां छुट्टियां मना रहे थे।
अमेरिका ने लगाए गंभीर आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने 7 मार्च को अलेक्सेय बेस्कियोकोव और गरांटेक्स के एक अन्य सह-संस्थापक अलेक्जेंडर मीरा सेर्दा के खिलाफ आपराधिक अभियोग पत्र जारी किया था। अमेरिका के अनुसार, बेस्कियोकोव ने आतंकवादी संगठनों, मादक पदार्थों के तस्करों और साइबर अपराधियों को मनी लॉन्ड्रिंग की सुविधा प्रदान की।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
सीबीआई ने बताया कि अमेरिका के अनुरोध पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रोविजनल गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जांच एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि बेस्कियोकोव भारत से भागने की योजना बना रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गरांटेक्स पर पहले से प्रतिबंध
अमेरिका ने 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद गरांटेक्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस एक्सचेंज पर अवैध लेनदेन और रूस समर्थित साइबर अपराधियों को वित्तीय मदद देने का आरोप है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, गरांटेक्स ने 2.6 करोड़ डॉलर से अधिक की संदिग्ध संपत्तियों को नियंत्रित किया था, जिसे हाल ही में फ्रीज कर दिया गया है।
बेस्कियोकोव के प्रत्यर्पण की तैयारी
अमेरिका के न्याय विभाग ने कहा कि वे बेस्कियोकोव को अमेरिका प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
👉 भारत में क्रिप्टोकरेंसी का प्रभाव बढ़ रहा है, लेकिन इस गिरफ्तारी से अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की कोशिशें तेज हो सकती हैं।