• Latest
  • Trending
  • All
  • बिजनेस
सिंधु संधि

भारत ने जम्मू-कश्मीर की नहरों का कायाकल्प शुरू किया, पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी

May 17, 2025
आतंकी हमले के बाद पहलगाम में पर्यटन फिर से पटरी पर

आतंकी हमले के बाद पहलगाम में पर्यटन फिर से पटरी पर

June 16, 2025
ट्रंप

ईरान-इजरायल तनाव पर ट्रंप की शांति डील की पेशकश

June 16, 2025
आंबेडकर अपमान पर राहुल को पीके की चुनौती

आंबेडकर अपमान पर राहुल को पीके की चुनौती

June 16, 2025
मंगनी लाल

आरजेडी में नेतृत्व परिवर्तन, मंगनी लाल को कमान

June 16, 2025
लक्ष्मण

गंभीर की गैरहाजिरी में लक्ष्मण बनेंगे गाइड

June 16, 2025
पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले एथलीटों को सचिन ने दी बधाई, भारत को मिले चार पदक

पटौदी विरासत को लेकर तेंदुलकर का अनुरोध सफल

June 16, 2025
बैंक छुट्टियाँ

जून के बैंक अवकाश: इस हफ्ते सिर्फ एक छुट्टी

June 16, 2025
आईपीओ

अर्थहुड सर्विसेज का आईपीओ प्लान फिर से दाखिल

June 16, 2025
हीरो ने इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत में की भारी कटौती

1 जुलाई को आ रहा हीरो का नया इलेक्ट्रिक स्कूटर

June 16, 2025
काजोल

वर्क-लाइफ बैलेंस पर बोलीं काजोल, दीपिका को मिला समर्थन

June 16, 2025
मुमताज

मुमताज का सवाल: अमिताभ को एक्टर बनने की जरूरत क्यों पड़ी?

June 16, 2025
हेयर

घर पर बनाएं केराटिन हेयर मास्क और पाएं मुलायम, चमकदार बाल

June 16, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Monday, June 16, 2025
  • Login
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home देश

भारत ने जम्मू-कश्मीर की नहरों का कायाकल्प शुरू किया, पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
May 17, 2025
in देश, मुख्य समाचार
Reading Time: 1 min read
A A
0
सिंधु संधि

डेस्क:भारत के साथ तनाव के बीच अब पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद अब एक और बड़ा फैसला किया है, जिससे पाकिस्तान में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो सकती है। भारत मे जम्मू-कश्मीर की पुरानी नहरों के पुनर्निर्माण और विस्तार का कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इसमें कठुआ, न्यू प्रताप और रणबीर नहरें प्रमुख रूप से शामिल हैं, जिन्हें 100 वर्षों से अधिक समय बाद पहली बार कायाकल्प किया जाएगा।

आपको बता दें कि यह पहल पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। हमले के जवाब में भारत ने न केवल “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया।

जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र की तकनीकी टीम की निगरानी में रणबीर, न्यू प्रताप, रंजन, तावी लिफ्ट, परगवाल, कठुआ और रावी नहरों में जमा गाद को हटाने का काम चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। बाद में इनका विस्तार किया जाएगा ताकि इन नहरों के पानी ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाई जा सके और सिंचाई योग्य क्षेत्र को विस्तृत किया जा सके।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इन नहरों की क्षमता पिछली सदी के अनुसार तय की गई थी, जबकि अब कृषि मांग कई गुना बढ़ चुकी है।”

इन नहरों के पुनरुद्धार से भारत की खेती को मॉनसून की अनिश्चितता से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। भारत की कुल बुआई क्षेत्र का 60% हिस्सा मॉनसूनी वर्षा पर निर्भर है और जम्मू क्षेत्र में वर्षा देर से आती है और जल्दी समाप्त हो जाती है। इससे सालभर खेती बाधित होती रही है।

भारत अब किशनगंगा, राटले, मियार नाला, लोअर कलनई और पकल दुल जैसे पनबिजली परियोजनाओं पर भी तेजी से काम करेगा। वुलर झील पर तुलबुल परियोजना भी अब प्राथमिकता पर है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले भी इस परियोजना को लेकर जोर दिया था।

रणबीर नहर को 1905 में बनाया गया था। यह करीब 60 किमी लंबी है और जम्मू क्षेत्र की प्रमुख सिंचाई लाइन रही है। पुरानी प्रताप नहर 1906 में बनी थी और लगभग 8000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करती थी। नई प्रताप नहर देविपुर गांव के पास शुरू होती है। मात्र 9030 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर पाती है, जबकि इसकी क्षमता लगभग 16500 हेक्टेयर तक मानी गई थी।

संधि के अनुसार, रणबीर नहर से अधिकतम 1000 क्यूसेक सिंचाई और 250 क्यूसेक जल विद्युत उत्पादन के लिए पानी लिया जा सकता था। लेकिन अब भारत संधि की बंदिशों से मुक्त होकर इनकी पूर्ण क्षमता का दोहन करेगा।

भारत की इस नई रणनीति पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है और चेतावनी दी है कि पानी के प्रवाह को रोका गया तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है, “सिंधु संधि मौजूदा वक्त में अप्रासंगिक हो गई है। बीते दशकों में जलवायु परिवर्तन, डैम तकनीक में विकास और भारत की बढ़ती जरूरतें संधि के दायरे से परे चली गई हैं।”

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending News

  • 2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • रामनवमी से पहले ही राम लला का सूर्याभिषेक देख भक्त हुए निहाल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज के अवतरण महोत्सव व सिवा ट्रस्ट वार्षिकोत्सव का आयोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 24 अगस्त से फिर शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • भारत से विभाजन के समय पाकिस्तान में थे 20 फीसदी हिंदू, धर्मांतरण और उत्पीड़न के बाद अब कितने बचे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बैलेंसिंग लाइफ ही जिंदगी को खुशहाल बना सकती है: रचना हिरण

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुख्य समाचार
  • देश
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
Call us: +91 98330 26960
No Result
View All Result
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH

Copyright © 2020 ON THE DOT

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In