नई दिल्ली:पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाते हुए उसके साथ सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
नई विदेश व्यापार नीति में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत “पाकिस्तान से उत्पन्न या वहां से निर्यातित किसी भी वस्तु के भारत में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात अथवा ट्रांजिट पर पूर्ण प्रतिबंध” लगाया गया है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हितों की दृष्टि से उठाया गया है।
समुद्री मार्ग भी बंद, पाक जहाजों की नो एंट्री
शिपिंग महानिदेशालय ने एक अलग आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तानी झंडे वाले किसी भी जहाज को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश नहीं मिलेगा। वहीं, भारतीय जहाजों को भी पाकिस्तानी बंदरगाहों की ओर जाने से रोक दिया गया है। यह आदेश भारत की समुद्री संपत्तियों, कार्गो और अवसंरचना की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है।
आदेश का प्रभाव – क्या बदलेगा?
इस आदेश के लागू होते ही पाकिस्तान से सीधे या किसी अन्य देश के माध्यम से आने वाले किसी भी प्रकार के माल का भारत में आयात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पहले कुछ वस्तुएं तीसरे देशों जैसे दुबई, सिंगापुर और कोलंबो के रास्ते भारत पहुंच रही थीं, जिससे पाकिस्तान पर लगे प्रतिबंधों को चकमा दिया जा रहा था। लेकिन अब इन अप्रत्यक्ष रास्तों को भी बंद कर दिया गया है।
वाघा-अटारी सीमा व्यापार पर भी ताला
भारत ने पहले ही भारत-पाकिस्तान के बीच एकमात्र भूमि व्यापार मार्ग, अटारी-वाघा सीमा से व्यापार को बंद कर दिया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को निलंबित कर दिया था।
ज्ञात हो कि पुलवामा हमले के बाद 2019 में भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद दोनों देशों के व्यापारिक संबंध लगातार कमजोर होते गए।
आंकड़ों में भारत-पाक व्यापार
2023-24 के दौरान अटारी-वाघा सीमा से ₹3,886.53 करोड़ का व्यापार हुआ था। हालांकि, पाकिस्तान से भारत का प्रत्यक्ष आयात पहले से ही काफी कम हो गया था। वर्ष 2023-24 में भारत ने केवल 3 मिलियन डॉलर का आयात किया, जिसमें मुख्यतः कृषि उत्पाद शामिल थे।
पाकिस्तान की फार्मा इंडस्ट्री को तगड़ा झटका
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत से दवाइयों और दवा निर्माण सामग्री की आपूर्ति बंद होने से पाकिस्तान की फार्मा इंडस्ट्री पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान लंबे समय से भारत पर इन जरूरी उत्पादों के लिए निर्भर रहा है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है और वह वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की तलाश में लग गया है।
भारत के अन्य कड़े कदम
- सिंधु जल संधि निलंबित: 1960 की ऐतिहासिक संधि को भारत ने निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के जल संसाधनों के बंटवारे पर आधारित थी।
- वीजा रद्द: पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 1 मई तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
- हवाई क्षेत्र बंद: भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इससे एयर इंडिया को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, जिसके चलते कंपनी को लगभग 600 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
- सोशल मीडिया पर कार्रवाई: पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिनमें फवाद खान, आतिफ असलम और बाबर आज़म जैसे नाम शामिल हैं।
वित्तीय मोर्चे पर दबाव
भारत ने एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) में पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। साथ ही भारत ने आईएमएफ, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे बहुपक्षीय संगठनों से पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा करने का भी आग्रह किया है।
निष्कर्ष:-भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार के इन ठोस और कड़े फैसलों से न केवल पाकिस्तान पर आर्थिक और रणनीतिक दबाव बढ़ेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की स्थिति मजबूत होगी।