डेस्क:भारत-पाकिस्तान के तनाव का मीटर इस वक्त हाई है। शनिवार को दोनों देशों के बीच अमेरिका के दखल के बाद सीजफायर पर सहमति तो बनी पर भारत ने भी साफ कह दिया है कि उल्लंघन करने पर युद्ध जैसा बर्ताव किया जाएगा। इस बीच देश की विपक्षी पार्टियां सरकार से एक विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही हैं। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। विपक्ष के इस अनुरोध पर गोड्डा से लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे भारी गुस्सा हो गए। उन्होंने कहा कि इन लोगों को राजनीति करनी है,फिर भले भारत भाड़ में चला जाए।
विपक्ष के स्पेशल सेशन बुलाने वाली मांग पर बीजेपी सांसद ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा कि संसद का सत्र बुलाइए,सभी विपक्षी सरकार को गाली दीजिए,पाकिस्तानी मीडिया में भारतीय सेना की किरकिरी करवाइए और आतंकवादी पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ जहर उगलने का मसाला दीजिए। राजनीति करनी है,देश जाए भाड़ में।
इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा होने पर भी निशिकांत दुबे ने एक पोस्ट किया था। तब उन्होंने लिखा था कि यदि अखबार पर भरोसा किया जाए तो-
1.भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद युद्ध माना जाएगा।
2. मुझे पाकिस्तान के बारे में पता है कि आतंकवाद चलता रहेगा।
3. मुझे मोदी जी पर भरोसा है कि वह लड़ाई आख़िरी होगी,पूरा कश्मीर मुजफ्फराबाद तक हमारा होगा।
सीजफायर दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनक़ाब करने का एक जरिया मात्र है,तब बात नहीं रण होगा,संघर्ष महा भीषण होगा।
आज कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी से पहलगाम आतंकी हमले,ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार गोलीबारी में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा के लिए संसद का तत्काल विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार गोलीबारी में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा के लिए संसद का तत्काल विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा,”मैं संसद का तत्काल विशेष सत्र बुलाने के विपक्ष के सर्वसम्मत अनुरोध को दोहराता हूं। लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकी हमले,ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से घोषित युद्धविराम पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। यह आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का भी अवसर होगा।” उन्होंने आगे कहा,”मुझे विश्वास है कि आप इस मांग पर गंभीरता और तेजी से विचार करेंगे।”
खड़गे ने 28 अप्रैल को लिखे गए उन पत्रों को याद किया,जिनमें उन्होंने और राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था,जिसमें मुख्य रूप से पर्यटकों सहित 26 लोग मारे गए थे।
खड़गे ने अपने पत्र में कहा,”नवीनतम घटनाओं के मद्देनजर,लोकसभा में विपक्ष के नेता ने आपको पहले ही पत्र लिखकर पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम घोषणाओं पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र के लिए सभी विपक्षी दलों के सर्वसम्मत अनुरोध को फिर से व्यक्त किया है,जो पहले वाशिंगटन डीसी से और बाद में भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा की गई थी।”