डेस्क:AI के अखाड़े में भारत भी उतरने की तैयारी कर रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐसे संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत खुद का जेनरेटिव एआई मॉडल बना रहा है। खास बात है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब दुनिया में चीन में बनकर तैयार हुए DeepSeek को लेकर चर्चाएं तेज हैं। वहीं, खबरें ये भी हैं कि ओपन एआई के सीईओ सैम अल्टमैन भारत आ सकते हैं।
उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव के दौरान वैष्णव ने ऐलान किया है कि भारत अपना खुद का जेनरेटिव एआई मॉडल बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि AI डेटा सेंटर ओडिशा में स्थापित किए जा रहे हैं। इसे एआई कमप्यूट फैसिलिटी की तरफ से संचालित किया जाएगा। इसने भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए LLM यानी लार्ज लैंग्वेज मॉडल विकसित करने के लिए 18 हजार जीपीयू हासिल कर लिए हैं।
उन्होंने कहा, ’18 हजार जीपीयू के साथ भारत स्वदेशी एआई मॉडल बनाने की राह में है, जो देश की भाषाई, आर्थिक और सामाजिक जरूरत को पूरा करेगा।’ खास बात है कि भारत सरकार स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर शासन, शिक्षा और आर्थिक सेवाओं में AI का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है।
डीपसीक की चर्चाएं
डीपसीक एक चीनी एआई कंपनी है जिसकी स्थापना 2023 में हुई थी। जनवरी 2025 में कंपनी ने अपना नया मॉडल, डीपसीक-आर1 जारी किया, जिसने अपनी तर्क क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। डीपसीक का ‘एआई असिस्टेंट’ मंगलवार दोपहर ऐपल के आईफोन स्टोर पर डाउनलोड किया जाने वाला पहले नंबर का मुफ्त ऐप बन गया और इसकी शुरुआत के कारण अमेरिकी शेयर बाजार (वॉल स्ट्रीट) में बड़ी गिरावट देखी गई।
डीपसीक का कहना है कि उसका मॉडल, ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी जैसे अमेरिकी दिग्गजों के मॉडल के बराबर हैं। साथ ही डीपसीक का एआई ऐप तुलनात्मक रूप से काफी किफायती है।