नई दिल्ली: भारत ने श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों की हालिया गिरफ्तारियों और उन पर गोलीबारी की घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मुद्दे पर श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब कर विरोध जताया।
इस सप्ताह एक गंभीर घटना में, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा जाफना समुद्र में दो भारतीय मछुआरों पर कथित तौर पर गोली चलाई गई, जिससे वे घायल हो गए। इनमें से दो मछुआरों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
MEA के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में बताया कि भारत ने इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा, “हमने श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और कड़ी आपत्ति जताई। हाल ही में 13 भारतीय मछुआरे श्रीलंका द्वारा गिरफ्तार किए गए थे, जिनमें से पांच घायल हो गए थे, और दो की हालत गंभीर थी।”
इससे पहले, गुरुवार को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिए गए छह भारतीय मछुआरों को रिहा कर चेन्नई वापस भेज दिया गया।
BRICS और डी-डॉलराइजेशन पर भारत का रुख
MEA ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा BRICS देशों को डि-डॉलराइजेशन को लेकर दी गई धमकी पर प्रतिक्रिया दी। प्रवक्ता ने कहा कि BRICS देशों का ऐसा कोई एजेंडा नहीं है।
उन्होंने कहा, “BRICS में जो भी निर्णय लिए जाते हैं, वे आपसी सहमति से होते हैं। हमारे विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि BRICS देशों की ऐसी कोई नीति नहीं है।”
गौरतलब है कि BRICS देश डॉलर पर निर्भरता कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं। 2023 में हुई 15वीं BRICS समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने का आह्वान किया था। जून 2024 में रूस के निज़नी नोवगोरोड में BRICS विदेश मंत्रियों की बैठक में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई थी।
इस बीच, ट्रंप ने BRICS देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे अमेरिकी डॉलर को हटाने की कोशिश करते हैं, तो उन पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है।