डेस्क: अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए अच्छी खबर है। अमेरिका द्वारा ‘एच-1बी’ वीजा के रिन्यूअल के लिए शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है। अब बिना स्वदेश आए अमेरिका में ही भारतीय पेशेवरों का वीजा रिन्यू हो सकेगा। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि अमेरिका जल्द ही वीजा नवीनीकरण कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत एच-1बी वीजा धारक देश से बाहर गए बिना अपने दस्तावेजों को रिन्यू करा सकेंगे।
एच-1बी वीजा धारकों के लिए अमेरिका स्थित नवीनीकरण कार्यक्रम इसी साल लागू होने की संभावना है। इससे कई किस्म के पेशेवरों और भारतीय कामगारों को फायदा होगा। यह उनके लिए एक तरह से वरदान साबित होगा क्योंकि फिलहाल उन्हें अपने वीजा को रिन्यू कराने के लिए स्वदेश लौटना पड़ता था। H-1B वीजा को रिन्यू कराने और फिर से भरने के लिए भारत लौटना अमेरिका में रहने वाले भारतीय श्रमिकों के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है।
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा है कि H-1B वीजा को नवीनीकृत करने के एक पायलट कार्यक्रम के सफल समापन के बाद ऐसा संभव हो सका है। इस पायलट कार्यक्रम ने हजारों आवेदकों का वीजा रिन्यू किया है।
इधर, अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से तीन सप्ताह पहले ‘एच-1बी’ वीजा को लेकर बहस छिड़ी हुई है, जिसके कारण डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों दलों में मतभेद पैदा हो गए हैं। उच्च कुशल पेशेवरों को दिए जाने वाले विदेशी अतिथि श्रमिक वीजा ‘एच-1बी’ के मुख्य लाभार्थी भारतीय हैं। ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। उन्होंने एच-1बी वीजा का समर्थन किया है।
ट्रम्प के दो करीबी विश्वासपात्रों- टेस्ला के मालिक एलन मस्क और उद्यमी विवेक रामास्वामी भी एच-1बी का समर्थन कर रहे हैं। इन दोनों को नव गठित सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए नामित किया गया है। भारतीय कुशल श्रमिकों को जारी किए गए H-1B वीज़ा विदेशी श्रमिकों और अमेरिकी नौकरियों के बारे में चर्चाओं में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गए हैं। आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कट्टर समर्थकों का तर्क है कि H-1B वीज़ा धारक, मुख्य रूप से भारत से, अमेरिकी श्रमिकों की जगह लेते हैं और पश्चिमी सभ्यता के लिए खतरा पैदा करते हैं।