नई दिल्ली:भारतीय रेलवे बड़े विस्तार की तैयारी में है। खबर है कि सरकार 1 हजार से ज्यादा सामान्य श्रेणी के डिब्बे सैकड़ों ट्रेंनों में जोड़ने जा रही है। साथ ही कई ट्रेनों में नॉन एसी कोच की संख्या में भी इजाफा होने वाला है। रेलवे का बोर्ड का कहना है कि जनरल क्लास के यात्री रेलवे की प्राथमिकताओं में से एक हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इससे करीब 1 लाख यात्रियों को फायदे के आसार हैं।
रेलवे की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि नवंबर के अंत तक 370 नियमित ट्रेनों में 1 हजार से ज्यादा जनरल सेकंड क्लास कोच जोड़े जाएंगे। वहीं, अगले दो सालों में 10 हजार से ज्यादा नान एसी ट्रेनों में जोड़े जाएंगे। इसके अलावा रेलवे ने कई ट्रेनों में बीते तीन महीनों में सामान्य श्रेणी के करीब 600 डिब्बे जोड़े हैं। नए कोच के शामिल होने से रोज 1 लाख यात्रियों को फायदा मिलने के आसार हैं।
केंद्रीय रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर स्वप्निल नीला ने जानकारी दी है कि मध्य रेलवे 42 ट्रेनों में 90 जीएस कोच जोड़ेगा। इससे हर रोज 9 हजार से ज्यादा अतिरिक्त यात्रियों को फायदा होगा।
अब जब रेलवे स्लीपर कोच की संख्या में करीब 4 हजार बोगियां बढ़ाने जा रहा है, तो इससे आरक्षण में लंबी वेटिंग लिस्ट से भी राहत मिलने के आसार हैं। ऐसे में रिजर्वेशन के प्रयास कर रहे यात्रियों को भी फायदा मिल सकता है।
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दिलीप कुमार ने बताया है कि रेलवे सभी वर्गों के यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने की ओर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जुलाई से नवंबर के बीच इसके तहत 1 हजार नए द्वितीय सामान्य श्रेणी के डिब्बे ट्रेनों में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी है कि ये नए कोच 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ दिए गए हैं। लगातार बढ़ती मांग के मद्देनजर रेलवे ने यह कदम उठाया है।
अधिकारी ने बताया है कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए जीएस कोच का निर्माण तेज गति से चल रहा है। उन्होंने बताया है कि अगले 2 सालों में ऐसे 10 हजार से ज्यादा नॉन एसी कोच जोड़े जाएंगे। इनमें से 6 हजार से ज्यादा जनरल सेकंड कैटेगरी कोच होंगे। जबकि, अन्य स्लीपर क्लास होंगे। कहा जा रहा है कि इन नए कोच की एंट्री से हर रोज 8 लाख अतिरिक्त यात्री जनरल क्लास में सफर कर सकेंगे।
सरकार ने बताया है कि नए तैयार नॉन एसी कोच LHB टाइप के होंगे। आरामदेह और सुविधा के साथ ये यात्रा को तेज और सुरक्षित भी बनाएंगे। रेलवे के पारंपरिक ICF कोच की तुलना में ये नए LHB कोच हल्के और मजबूत है। खबर है कि दुर्घटना का असर भी इन कोच पर कम पड़ेगा।