नई दिल्ली:रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली के उड़ान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि उड़ान परीक्षण तीन चरणों में विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंज में किए गए । इन परीक्षणों के दौरान कई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए रेंज, सटीकता और स्थिरता का मूल्यांकन रॉकेटों के व्यापक परीक्षण द्वारा किया गया है।
पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम सटीक स्ट्राइक वैरिएंट पूरी तरह से स्वदेशी हथियार प्रणाली है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, युद्ध सामग्री के साथ प्रमाण और प्रायोगिक प्रतिष्ठान के सहयोग से आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इन परीक्षणों के दौरान हर उत्पादन एजेंसी से कुल 12 रॉकेट, पिनाका लॉन्चर के टू इन-सर्विस वर्जन से फायर किए गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रणाली के सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और सेना की सराहना की है और कहा है कि इस गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली के शामिल होने से सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने भी परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी और कहा कि रॉकेट प्रणाली ने भारतीय सेना में शामिल होने से पहले सभी आवश्यक उड़ान परीक्षण पूरे कर लिए।
पिनाका की खासियत
पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के उन्नत संस्करणों की मारक क्षमता 75 किलोमीटर तक है। मार्क-I ग्रेड के वैरियंट की अधिकतम रेंज 45 किलोमीटर है, जबकि मार्क-II ईआर संस्करण की अधिकतम रेंज 90 किलोमीटर है। यह 44 सेकंड में 12 रॉकेटों की एक सलावो लॉन्च कर सकता है। इसके अलावा पिनाका कई तरह के वारहेड ले जा सकता है, जिसमें उच्च विस्फोटक, एंटी-पर्सनल, आग लगाने वाले और एंटी-टैंक बम शामिल हैं। इसे टाट्रा ट्रक पर ले जाकर कहीं भी तैनात किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के सैन्य जुड़ावों, जैसे आतंकवाद विरोधी, सीमा रक्षा और पारंपरिक युद्ध के लिए यह उपयुक्त है।
पिनाका का गाइडेड वर्जन सैटेलाइट से प्राप्त सिग्नल का इस्तेमाल कर टारगेट पर सटीक अटैक करता है। पिनाका-एमके3 किसी भी मौसम में काम कर सकता है। पिनाका का नाम हिंदू भगवान शिव के दिव्य धनुष के नाम पर रखा गया है।