पटना:बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में जबरदस्त घमासान मच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव को पार्टी और परिवार—दोनों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसकी वजह बना उनका एक युवती के साथ 12 साल पुराना प्रेम संबंध, जिसकी तस्वीरें हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। इस घटनाक्रम के बाद तेजप्रताप को उनके भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और बहन रोहिणी आचार्या ने भी पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।
इस पारिवारिक कलह को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस पूरे प्रकरण को ‘चूहा-बिल्ली का खेल’ बताया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा, “एक तरफ लालू प्रसाद खुद तेजप्रताप को परिवार से निकालने की बात कर रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव उन्हें अब भी बड़ा भाई बता रहे हैं। यह कैसी नूरा कुश्ती है?” उन्होंने सवाल उठाया कि जब तेजप्रताप परिवार में ही नहीं रहे, तो फिर बड़े भाई कैसे?
नीरज कुमार ने लालू परिवार के पुराने विवादों को भी उछालते हुए कहा, “जब ऐश्वर्या राय के साथ अन्याय हो रहा था, तब लालू यादव क्यों चुप थे? जब बहू को घर से निकाला गया, तब उनके संस्कार और जमीर क्यों नहीं जागे?” उन्होंने कहा कि बेटियों का सम्मान केवल बिहार की राजनीति की नहीं, बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है, और ऐश्वर्या राय को सम्मान मिलना चाहिए।
गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव की शादी 12 मई 2018 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती और चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से बड़े धूमधाम से हुई थी। लेकिन शादी के महज एक साल के अंदर ही दोनों के रिश्ते में दरार आ गई और वे अलग हो गए। अब, तेजप्रताप के एक अज्ञात युवती के साथ पुराने रिश्ते के खुलासे ने उन्हें एक बार फिर विवादों के घेरे में ला खड़ा किया है। हालांकि उस युवती की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर दोनों की नजदीकियों की तस्वीरें वायरल हैं।
बीजेपी नेता निखिल आनंद ने भी तेजप्रताप पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने यादव समाज की दो बेटियों के साथ खिलवाड़ किया है।
बिहार की सियासत में यह नया मोड़ चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों को कितना प्रभावित करेगा, यह देखना बाकी है। लेकिन इतना तय है कि राजद के भीतर यह पारिवारिक उथल-पुथल पार्टी के भविष्य पर गहरा असर डाल सकती है।