पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सचिवालय स्थित सभा कक्ष में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व की तैयारियों की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि इस माह के अंत तक बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों को पूरा कर लिया जाए।
राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का
जिलाधिकारी तथा विभागीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर स्थिति का आकलन करें। लोगों से बात कर समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने पुन: यह दाेहराया कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि नदी के तटबंधों की सुरक्षा की पूरी तैयारी रखें ताकि कहीं भी तटबंध टूटने की घटना नहीं हो। बाढ़ की स्थिति मे लोगों के ईलाज के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी करें
बाढ़ एवं सुखाड़ में फसल क्षति की स्थिति में किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी कर ली जाए। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार तैयारियाें की मानीटरिंग करे ताकि लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं हो।
2007 में बाढ़ से 2.5 करोड़ लोग हुए थे प्रभावित
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2005 में हमलोगों की सरकार बनने के बाद आपदा प्रबंधन के तहत आपदा पीड़िताें को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से काम किया गया। वर्ष 2007 में जो बाढ़ आयी थी उसमें 22 जिलों के लगभग 2.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
2008 में कोसी त्रासदी में 34 लाख हुए परेशान
प्रभावित लोगाें के बीच तब बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाया गया। वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान पांच जिले में 34 लाख लोग प्रभावित हुए थे। इन्हें राहत पहुंचाने का काम बड़े स्तर पर किया गया। साथ ही विश्व बैंक से कर्ज लेकर राहत एवं पुनर्वास का काम किया गया। बाढ़ एवं अन्य आपदाओं में मरने वाले व्यक्तियों के आश्रितों को चार लाख रुपए का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी।
वर्षापात पूर्वानुमान के संबंध में ली जानकारी
मुख्यमंत्री की बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बिहार मौसम सेवा केंद्र द्वारा वर्ष 2025 के लिए वर्षापात पूर्वानुमान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जून में सामान्य से कम वर्षापात होगी।
जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में सामान्य वर्षापात
जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में सामान्य वर्षापात की संभावना है। विकास आयुक्त ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व की सभी आवश्यक तैयारी चल रही है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने भी अपने विभाग के स्तर पर की गयी तैयारियों का ब्योरा दिया।
बैठक मेंं मौजूद रहे कई मंत्री
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा. उदय कांत, मुख्ममंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा तथा कई विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रधान सचिव इस मौके पर मौजूद थे। सभी जिलों के डीएम व एसपी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे।