पटना:बिहार में आयुर्वेद, होमियोपैथ एवं युनानी चिकित्सा पद्धति की ओर लोगों के बढ़ते रूझान को देखते हुए राज्य में सात सौ नए आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुलेंगे। आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने नये सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया है। राज्य में वर्तमान में 40 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं।
नये आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) या स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड कर बनाया जाएगा। आयुष मंत्रालय के निर्देश पर देशभर में 11 हजार 500 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण होना है। इसके तहत बिहार में सात सौ सेंटर खुलेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, ‘नये आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के संचालन से राज्य में मरीजों को आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज की सुविधा बड़े स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेगी।’
बिहार में आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में रोगों की प्रकृति का परीक्षण अथवा जांच की जाएगी। इसके अनुरूप मरीजों को आयुष की दवाएं भी दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त सेंटर के परिसर में 15 प्रकार के औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। वहां आने वाले मरीजों एवं आसपास के लोगों को भी औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही, इन सेंटरों में योग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके लिए महिला एवं पुरुष योग प्रशिक्षकों की सेवा ली जाएगी।
राज्य के तीन बंद पड़े आयुर्वेद कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने की कोशिशें तेज हुई हैं। बक्सर, दरभंगा एवं भागलपुर के आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पतालों को नये सिर से शुरू किया जाना। इसके लिए विभाग ने 87 सहायक प्राध्यापकों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव बिहार लोक सेवा आयोग को भेजा है। राज्य आयुष निदेशालय के सूत्रों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से नई नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है। आयोग जल्द नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा। अगले शैक्षणिक सत्र से इन कॉलेजों में नामांकन शुरू करने लेकर पूर्व में जो भी आपत्तियां या कमियां थीं, उन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।