डेस्क:दुनिया के सबसे बड़े एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने अडानी समूह को बड़ी राहत दी है। ग्लोबल निवेश फर्म ब्लैकरॉक द्वारा प्रबंधित फंड अडानी समूह की तरफ से जारी 75 करोड़ डॉलर के निजी बॉन्ड के सबसे बड़े ग्राहक बनकर उभरे हैं। मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि करीब 12 लाख करोड़ डॉलर की संपत्तियों की देखरेख करने वाली अमेरिकी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ने 75 करोड़ डॉलर के बॉन्ड निर्गम का एक-तिहाई हिस्सा लिया है। इन बॉन्ड की अवधि तीन से पांच साल की है। इस खबर के बाद कल शुक्रवार को अडानी समूह के शेयर फोकस में रह सकते हैं। अडानी समूह के शेयरों में तेजी की संभावना है।
ब्लैकरॉक ने क्या कहा
ब्लैकरॉक ने अडानी समूह में यह निवेश ऐसे समय किया है जब कथित तौर पर रिश्वत देने के मामले में अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के अभियोग के बाद अडानी समूह के कुछ टॉप अधिकारी जांच के दायरे में हैं। ब्लैकरॉक का यह कदम भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उसका पहला निजी निवेश है। निवेश फर्म इस समय इंफ्रा सेगमेंट पर खासा जोर दे रही है। ब्लैकरॉक के चेयरमैन लैरी फिंक ने जनवरी, 2024 में कहा था, ‘‘बुनियादी ढांचा सबसे रोमांचक दीर्घकालिक निवेश अवसरों में से एक है, क्योंकि कई संरचनात्मक बदलाव वैश्विक अर्थव्यवस्था को नया आकार देते हैं।’’ कंपनी ने पिछले साल बंदरगाह, बिजली और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सक्रिय कंपनी ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स (जीआईपी) का 12.5 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था।
पांच अन्य संस्थागत निवेशकों ने भी लिया था हिस्सा
अडानी समूह की नवीनतम पूंजी संग्रह पहल में ब्लैकरॉक के अलावा पांच अन्य संस्थागत निवेशकों ने भी शिरकत की। इनमें सोना एसेट मैनेजमेंट द्वारा प्रबंधित कोष भी शामिल थे। अडानी समूह के प्रमोटर्स परिवार के पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई रिन्यू एक्जिम डीएमसीसी की तरफ से जारी 75 करोड़ डॉलर के बॉन्ड का उपयोग आईटीडी सीमेंटेशन के अधिग्रहण और अन्य वृद्धि पहलों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा।
अडानी समूह दुनिया की सबसे बड़ी निवेशक फर्म के प्रवेश को एक मजबूत विश्वास के रूप में देखता है। खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका में चल रही जांच के कारण इसकी धन उगाहने की क्षमताओं पर सवाल उठाए जा रहे थे। ब्लैकरॉक की भागीदारी यह भी संकेत देती है कि उसे कानूनी कार्यवाही से समूह के लिए किसी महत्वपूर्ण परिचालन व्यवधान की आशंका नहीं है। यह अडानी समूह की तरफ से जारी दूसरा निजी डॉलर बॉन्ड है। फरवरी में भी समूह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई बंदरगाह के संचालन के लिए लगभग 20 करोड़ डॉलर जुटाए थे।