डेस्क:एक्टर बोमन ईरानी ने सिनेमा जगत में कई कमाल के रोल किए हैं। आमिर खान की ‘3 इडियट’ में डीन (वायरस) का किरदार हो या फिर मु्न्ना भाई एमबीबीएस में अस्थाना का किरदार हो, बोमन ईरानी ने ये सभी रोल अपनी अदाकारी से यादगार बना दिए। बोमन ईरानी हर रोल को बहुत गहराई से समझते हैं और कम लोग जानते हैं कि यह कला उन्होंने सबसे पहले एक वेफर शॉप में काम करने के दौरान सीखी थी। यह दुकान बोमन के दादाजी ने शुरू की थी और वह यहां काम करने के दौरान लोगों को ऑब्जर्व किया करते थे।
दादाजी की दुकान पर करने लगे काम
बोमन ईरानी ने खुद एक इंटरव्यू में यह किस्सा सुनाया था। एक्टर ने एक इवेंट के दौरान कहा, “मेरे दादाजी जब ईरान से आए तो उन्होंने एक दुकान शुरू की। इस दुकान का नाम था ‘गोल्डन वेफर्स’। हम वहां पर आलू के चिप्स बनाते थे और उन्हें गर्मागर्म परोसा करते थे। मैंने 14 साल तक उस दुकान में काम किया। मैं यह सोचकर परेशान होता था कि मेरी जिंदगी के साथ क्या होगा अगर मैं आगे भी पूरी जिंदगी इसी जगह पर काम करता रहूंगा और चिप्स बेचता रहूंगा।” इसके बाद बोमन ने वो किया जो उन्हें एक कमाल का एक्टर बना गया।
लोगों को ऑब्जर्व किया करते थे बोमन
बोमन ईरानी ने बताया कि वह उस दुकान पर बैठकर लोगों को ऑब्जर्व करने लगे और इस तरह उन्हें एक्टिंग की पहली सीख मिली। उन्होंने इसी इवेंट में बातचीत के दौरान कहा, “मैं दुकान पर बैठकर लोगों को ऑब्जर्व करने लगा और देखने लगा कि वो अपने किरदारों के बारे में मुझे कितना कुछ बताते हैं। अगर आप अपना पर्स निकालकर मेरे सामने उससे पैसे निकालते हैं तो आप एक शो ऑफ करने वाले इंसान हैं। अगर आप छिपाकर पैसा निकालते हैं तो आपको जाहिर तौर लोगों पर शक रहता है, या आप संदिग्ध हैं।”
चिप्स की दुकान पर यूं सीखी एक्टिंग
“अगर आप पर्स खोलते हैं और आपको पता ही नहीं है कि उसमें पैसे कहां पर रखे हुए हैं तो आप बहुत मिसऑर्गनाइज्ड इंसान हैं। मैंने इन सब चीजों के बारे में नोट्स बनाना शुरू कर दिया। बस उसी चिप्स की दुकान पर बैठकर मैंने यह सब सीखना शुरू किया और यही मेरी एक्टिंग के लिए पढ़ाई थी।” बोमन ईरानी की बात पर जोरदार तालियां बजीं क्योंकि इस कहानी से ना सिर्फ यह पता चला कि वह कितने लगनशील हैं, बल्कि साथ ही साथ एक्टिंग की दुनिया में कामयाब होने से पहले उनका स्ट्रगल भी दिखाई पड़ा।