नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कज़ान के लिए रवाना होंगे। पिछले साल हुए विस्तार के बाद यह समूह का पहला शिखर सम्मेलन होगा। शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू होगा और विचार-विमर्श का मुख्य दिन बुधवार होगा। पीएम मोदी के रूस रवाना होने से पहले भारत ने कहा कि भारत ब्रिक्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि मोदी ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने कई समकक्षों और कज़ान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। पीएम मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ब्रिक्स समिट के लिए रूस जा रहे हैं।
ब्रिक्स समूह में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (2010 में शामिल) शामिल हैं और अब इसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हो गए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘‘भारत ब्रिक्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसके योगदान ने आर्थिक विकास, सतत विकास और वैश्विक शासन सुधार जैसे क्षेत्रों में ब्रिक्स के प्रयासों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू होगा और विचार-विमर्श का मुख्य दिन बुधवार होगा। मिस्री ने कहा, ‘‘हम ब्रिक्स के भीतर अपनी भागीदारी और गतिविधियों को बहुत महत्व देते हैं, क्योंकि हम इसे वैश्विक बहुध्रुवीयता की प्रमुख अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं।’’
विदेश सचिव ने कहा कि यह समूह वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भी कार्य करता है, साथ ही एक अधिक निष्पक्ष, अधिक विशिष्ट और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में भी योगदान देता है। उन्होंने कहा, ‘‘नेताओं द्वारा कज़ान घोषणापत्र को भी अपनाने की उम्मीद है, जो ब्रिक्स के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगा।’’
जिनपिंग और मोदी में द्विपक्षीय वार्ता होगी?
पीएम मोदी के अलावा रूस में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी रूस जा रहे हैं। सोमवार को चीन ने जिनपिंग के रूस दौरे पर कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला यह समूह बहुपक्षवाद को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध एक सकारात्मक और स्थिर शक्ति बना हुआ है। हालांकि, जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात से जुड़े सवाल को टाल गया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने रूस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात के बारे पर टिप्पणी करने से परहेज किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर कोई बात सामने आती है तो हम आपको सूचित करेंगे।’’