नई दिल्ली: ब्रिटेन में गरीबी में रहने वाले बच्चों की संख्या एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में कटौती की घोषणा के बाद इस मुद्दे पर आलोचना तेज हो गई है।
ब्रिटेन के वर्क एंड पेंशन विभाग के मुताबिक, मार्च 2024 में समाप्त हुए वर्ष तक लगभग 4.5 मिलियन (45 लाख) बच्चे निम्न-आय वाले परिवारों में रह रहे थे। यह संख्या 2002-2003 में रिकॉर्ड दर्ज होने के बाद से अब तक की सबसे अधिक है।
मार्च 2023 में यह संख्या 4.33 मिलियन (43.3 लाख) थी, जो मार्च 2024 में बढ़कर 4.45 मिलियन (44.5 लाख) हो गई।
क्या होता है ‘न relativa गरीबी’?
यदि किसी परिवार की कुल आय औसत आय के 60 प्रतिशत से कम होती है या 337 पाउंड (करीब 43,500 रुपये) प्रति सप्ताह से कम होती है, तो उसे ‘रिलेटिव पॉवर्टी’ यानी सापेक्ष गरीबी की श्रेणी में रखा जाता है।
सरकार की कल्याण योजनाओं में कटौती
प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार ने हाल ही में विकलांगता कल्याण भुगतान (Disability Welfare Payments) और अन्य सरकारी खर्चों में कटौती की घोषणा की है।
सरकार के अपने आकलन के मुताबिक, इन बदलावों के कारण अगले पांच वर्षों में 50,000 और बच्चे गरीबी में धकेले जा सकते हैं।
वहीं, कुल ब्रिटिश आबादी का 21 प्रतिशत (14.25 मिलियन यानी 1.42 करोड़ लोग) गरीबी में रह रहे हैं, हालांकि यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी घटी है।
महंगाई और जीवनयापन संकट
पिछले दो वर्षों में महंगाई दर में गिरावट देखी गई है, लेकिन 2022-2023 में यह 10 प्रतिशत से अधिक थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद खाद्य और ऊर्जा कीमतों में भारी वृद्धि के कारण ब्रिटेन में जीवन-यापन संकट गहरा गया।
अब भी वेतन वृद्धि मुद्रास्फीति की दर से मेल नहीं खा रही, जिससे ब्रिटिश परिवार आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।
चैरिटी संगठनों की आलोचना
बाल अधिकार संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने इन आंकड़ों को “राष्ट्रीय शर्म की बात” बताया और इसे “राजनीतिक फैसलों का सीधा परिणाम” करार दिया।
वहीं, ‘चाइल्ड पॉवर्टी एक्शन ग्रुप’ की एलिसन गार्नहम ने इसे सरकार के लिए “स्पष्ट चेतावनी” बताया कि अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो बाल गरीबी घटाने का वादा “ध्वस्त” हो जाएगा।
उन्होंने सरकार से दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों के लिए लाभ की सीमा हटाने और हाल ही में वित्त मंत्री राहेल रीव्स द्वारा घोषित लाभ कटौती को वापस लेने की मांग की।
हालांकि, वित्त मंत्री रीव्स ने अपनी योजना का बचाव करते हुए कहा कि इससे हर साल 5 अरब पाउंड की बचत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने स्कूलों में मुफ्त नाश्ता उपलब्ध कराने और 1 अप्रैल से न्यूनतम वेतन बढ़ाने जैसी योजनाएं लागू की हैं।
ब्रिटेन में गरीबी का यह बढ़ता संकट सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।