चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि पर मां दुर्गा के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा का विधान है। मां स्कंदमाता अपने भक्तों पर असीम स्नेह लुटाती हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। मान्यता है कि माता की आराधना करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।
चैत्र नवरात्रि पंचमी तिथि 2025
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि 2 अप्रैल 2025, बुधवार को पड़ रही है। इस बार तृतीया तिथि के क्षय होने से नवरात्रि आठ दिन की होगी।
मां स्कंदमाता का स्वरूप
मां स्कंदमाता की गोद में भगवान स्कंद (कार्तिकेय) जी विराजमान हैं। माता कमल के आसन पर विराजमान होती हैं, इसलिए इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। उनका वाहन सिंह है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। माना जाता है कि माता स्कंदमाता की आराधना करने से संतान संबंधी कष्ट दूर होते हैं।
मां स्कंदमाता की पूजा विधि
- स्नान: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मूर्ति स्थापना: माता स्कंदमाता की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
- श्रृंगार: माता को रोली, कुमकुम, फूल, वस्त्र और चुनरी अर्पित करें।
- भोग: माता को केले या खीर का भोग अर्पित करें।
- आरती: घी का दीप जलाकर माता की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
मां स्कंदमाता का प्रिय भोग
मां स्कंदमाता को केले का भोग विशेष प्रिय है। इसके अलावा खीर का भोग भी अर्पित किया जा सकता है।
नवरात्रि पंचमी का शुभ रंग
इस दिन पीला और सफेद रंग शुभ माना जाता है। भक्त पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करें तो माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
मां स्कंदमाता का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
मां स्कंदमाता की आरती
**जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सबके मन की जानन हारी, जग जननी सबकी महतारी।।
तेरी ज्योत जलाता रहू मैं, हरदम तुझे ध्याता रहू मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा।।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शहरों में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे, गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो, शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे, करे पुकार तुम्हारे द्वारे।।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए, तू ही खंडा हाथ उठाए।
दासों को सदा बचाने आयी, भक्त की आस पुजाने आयी।।**
इस चैत्र नवरात्रि मां स्कंदमाता की कृपा से सभी भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। जय माता दी!