डेस्क:चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा को जीत मिली है। यहां पार्टी की ओर से घोषित कैंडिडेट हरप्रीत बाबला को जीत मिली है। उन्हें 19 वोट मिले हैं, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की संयुक्त उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट ही मिल पाए। भाजपा की हरप्रीत बाबला दूसरी बार की पार्षद हैं। वह सेना के रिटायर्ड कर्नल की बेटी हैं और पूर्व पार्षद देविंदर सिंह बाबला की पत्नी हैं। वह पहले कांग्रेस में रही हैं, लेकिन अब भाजपा के साथ हैं। इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग की भी खबर है। भाजपा के पास 16 वोट ही थे, लेकिन उसे तीन मत क्रॉस वोटिंग के भी मिले हैं। इस बार मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित था। इसलिए दोनों तरफ से महिला कैंडिडेट ही थीं।
अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षद आम आदमी पार्टी के हैं या फिर कांग्रेस के हैं। इलेक्शन में पहला वोट सांसद मनीष तिवारी ने डाला। इसके अलावा अब तक मेयर रहे कुलदीप कुमार ने भी मतदान किया है, जिन्हें हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। उन पर भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी, लेकिन अदालत से राहत के बाद वह भी मतदान के लिए पहुंचे। सीक्रेट बैलेट के माध्यम से यह इलेक्शन हुआ है। इस दौरान सभी मतदाताओं को आदेश था कि वे अपने बैलेट पेपर का अगला हिस्सा किसी को भी वोटिंग के दौरान नहीं दिखाएंगे।
इसके अलावा मोबाइल फोन, कैमरा, हथियार, इलेक्ट्ऱॉनिक गैजेट्स, पेन और पेंसिल ले जाने पर भी रोक लगाई गई थी। 35 सदस्यों वाले चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा 16 पार्षदों के साथ सबसे बड़ा दल है, लेकिन आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 6 पार्षद हैं। दोनों दलों का गठबंधन है और इस तरह वे मिलकर 19 सदस्यों का समर्थन रखते हैं। इसके अलावा सांसद मनीष तिवारी भी मतदान का अधिकार रखते हैं, जो कांग्रेस के हैं। उन्हें शामिल करते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के पास कुल 20 वोट थे।