नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत सोमवार को मतदान में पिछले चरणों की तुलना में तेजी दिखी और 10 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेश के 96 निर्वाचन क्षेत्रों में 67 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग (EC) द्वारा साझा किये गS मतदान के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आयोग के मुताबिक, रात पौने 12 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार 67.25 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के संसदीय चुनावों में इस चरण की तुलना में 1.74 प्रतिशत अधिक है। आयोग ने एक बयान में कहा कि ये ‘अनंतिम’ आंकड़े हैं और इन्हें अपडेट किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के बाद 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 379 सीट पर अब तक मतदान पूरा हो चुका है।
आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए भी मतदान पूरा हो चुका है। मौजूदा आम चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ और तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ था। चौथे चरण के मतदान में आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं।
चौथे चरण में तेलंगाना की सभी 17 लोकसभा सीट, आंध्र प्रदेश की 25, उत्तर प्रदेश की 13, बिहार की पांच, झारखंड की चार, मध्य प्रदेश की आठ, महाराष्ट्र की 11, ओडिशा की चार, पश्चिम बंगाल की आठ और जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर शानदार 78.44 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया जो इस चरण में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा है।
इसके बाद आंध्र प्रदेश में 78.25 प्रतिशत और ओडिशा में 73.97 प्रतिशत मतदान हुआ। संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में पहले लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में 37.98 प्रतिशत मतदान हुआ और निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह ‘दशकों में सबसे अधिक मतदान’ है। बिहार में 57.06 प्रतिशत, झारखंड में 65.31 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 59.64 प्रतिशत, तेलंगाना में 64.87 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 58.05 प्रतिशत मतदान हुआ। मध्य प्रदेश में 71.72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
एक वीडियो क्लिप सामने आने के बाद चुनाव अधिकारियों ने तेलंगाना की हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के माधवी लता के खिलाफ मामला दर्ज किया। वीडियो में वह बुर्का पहने महिला मतदाताओं से कथित तौर पर चेहरा दिखाने के लिए कह रही थीं। आंध्र प्रदेश में, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और वाईएसआरसीपी ने पलनाडु, कडप्पा और अन्नामय्या जिलों में एक-दूसरे पर हिंसा के आरोप लगाए।
वाईएसआरसीपी ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर प्रतिद्वंद्वी तेदेपा पर वेमुरु, दारसी, इच्छापुरम, कुप्पम, माचेरला, मार्कापुरम, पालकोंडा और पेदाकुरापौडु समेत कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा और 25 लोकसभा सीट के लिए एक साथ मतदान हुआ। वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि तेदेपा नेताओं ने वेमुरु निर्वाचन क्षेत्र में पांच मतदान केंद्रों पर कब्जा कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेता और तेनाली से विधायक ए. शिव कुमार ने एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं से बहस होने के बाद एक मतदाता के साथ कथित रूप से हाथापाई की। इस बीच, तेदेपा विधान पार्षद मोहम्मद अहमद शरीफ ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार मीणा को पत्र लिखकर पलनाडु जिले के रेंतीचिंतला मंडल के रेंताला गांव में वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा तेदेपा समर्थकों पर कथित रूप से हमले किए जाने की शिकायत की।
वाईएसआरसीपी ने एक बयान में कहा कि तेदेपा कार्यकर्ताओं ने वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता नंदीगाम सुरेश के वाहन को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें आरोप लगाया गया कि तेदेपा समर्थकों ने दारसी निर्वाचन क्षेत्र के अरावलीपाडु में पार्टी सदस्य बी अंजी रेड्डी पर हमला किया, जिससे उनके सिर में चोट लग गई। तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया, “राज्य में लोगों के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए शांतिपूर्ण माहौल नहीं है।”
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में पश्चिम बंगाल के आठ संसदीय क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं। बीरभूम और बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट के तहत विभिन्न इलाकों में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। निर्वाचन आयोग ने कहा कि अपराह्न एक बजे तक ईवीएम खराब होने और बूथ में प्रवेश करने वाले एजेंटों को रोके जाने की लगभग 1,700 शिकायतें दर्ज की गईं।
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिलीप घोष की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के दो सुरक्षाकर्मी बर्धमान में पथराव की घटना में घायल हो गए। सीआईएसएफ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि घोष को सुरक्षित निकाल लिया गया। सीआईएसएफ ने कहा, ‘बर्धमान (पश्चिम बंगाल) में कुछ उपद्रवियों द्वारा सीआईएसएफ एसएसजी सुरक्षाकर्मी पर पथराव और उनके वाहन पर हमले की घटना हुई, जिसमें दो सीआईएसएफ कर्मियों को सिर में चोटें आईं। सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति (घोष) को बिना बल प्रयोग के सुरक्षित निकाल लिया गया’।
घोष (59) को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के वीआईपी सुरक्षा प्रकोष्ठ ‘विशेष सुरक्षा समूह’ (एसएसजी) की ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। घोष ने पत्रकारों से कहा, “पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी रही। तृणमूल ने आतंक का राज कायम कर रखा है। सुबह तृणमूल के गुंडों ने हमारे पोलिंग एजेंटों को पीटा और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दिया।”
कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र के छपरा इलाके में भी उस समय तनाव व्याप्त हो गया जब कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी। भाजपा प्रत्याशी अमृता राय दो घायलों के साथ छपरा थाने पहुंचीं। तृणमूल ने आरोपों से इनकार किया है। सूत्रों ने बताया कि तृणमूल, भाजपा और कांग्रेस-माकपा गठबंधन ने मतदान के पहले कुछ घंटों में चुनावी हिंसा, मतदाताओं को डराने-धमकाने और चुनाव एजेंटों पर हमले की अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं।
उत्तर प्रदेश में सड़कों और विकास कार्यों के अभाव को लेकर विरोध दर्ज कराते हुए शाहजहांपुर के कुछ गांवों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। ओडिशा में भी कई जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की खबरें आईं। एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 65 बैलट यूनिट (बीयू), 83 कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 110 वीवीपैट को बदला गया है।
अधिकतर यूनिट को सुबह सात बजे वास्तविक मतदान से पहले, अभ्यास के दौरान ही बदल दिया गया। पड़ोसी राज्य झारखंड में माओवादियों ने एक पेड़ गिराकर पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूर सोनापी और मोरंगपोंगा इलाकों की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर मतदान केंद्रों तक मतदाताओं की पहुंच को बाधित करने का प्रयास किया, जिसे सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया।
जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर मतदान शांतिपूर्ण रहा, जहां अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने वोट डाला। देश में अगले तीन चरणों के लिए मतदान 20 मई, 25 मई और एक जून को होगा। मतगणना चार जून को होगी।