डेस्क:हर साल पेंटागन चीन की तेजी से बढ़ती सैन्य ताकत पर एक विशेष रिपोर्ट तैयार करता है और इसे अमेरिकी कांग्रेस को भेजता है। इस रिपोर्ट में चीन के सैन्य विकास पर गहराई से नजर डाली जाती है। इस साल की रिपोर्ट ने चीन के परमाणु हथियारों के भंडार को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में चीन ने अपने परमाणु भंडार में 100 नए हथियार जोड़े हैं। यह ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया परमाणु निरस्त्रीकरण और शांति की बात कर रही है। पेंटागन का कहना है कि चीन 2030 तक अपने परमाणु हथियारों की संख्या 1,000 तक पहुंचाने की योजना बना रहा है। वर्तमान में चीन के पास लगभग 600 परमाणु हथियार हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक में अग्रणी बन गया है और इसने पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार की हाइपरसोनिक मिसाइलों का विकास किया है।
गोपनीयता और धोखे की नीति
चीन अपनी सैन्य ताकत को लेकर हमेशा गोपनीयता बनाए रखता है। वह अपनी सेना, नौसेना और वायुसेना के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं करता। चीन हर साल अपनी रक्षा बजट की घोषणा करता है, लेकिन पेंटागन का मानना है कि यह वास्तविक आंकड़ा नहीं होता।
2024 में चीन ने आधिकारिक तौर पर $224 बिलियन का रक्षा बजट घोषित किया, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा कम से कम 40% कम है। असली बजट $350 बिलियन से $450 बिलियन के बीच होने का अनुमान है, जो अमेरिकी रक्षा बजट ($880 बिलियन) का लगभग आधा है।
चीन की सैन्य ताकत
चीन की नौसेना वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसमें 370 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां शामिल हैं। वहीं, अमेरिकी नौसेना के पास 290 जहाज और पनडुब्बियां हैं।
चीन की वायुसेना भी 2,000 विमानों के साथ एक बड़ी ताकत है, जिसमें 1,200 चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट्स शामिल हैं।
अमेरिका-चीन रक्षा वार्ता
अमेरिका और चीन के बीच रक्षा वार्ता के लिए संरचना तो है, लेकिन उच्च-स्तरीय संवाद में बाधा आई है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने लाओस में एक रक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी रक्षा मंत्री डोंग जुन से मिलने का प्रस्ताव दिया, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया।
ट्रंप प्रशासन का कड़ा रुख
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के आने से पहले ही चीन पर सख्त नीति की तैयारी शुरू हो गई है। ट्रंप ने अपने प्रशासन में दो चीन-विरोधी नेताओं को शामिल किया है – मार्को रुबियो को विदेश मंत्री और माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है।
मार्को रुबियो पर चीन पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है और 2020 में उन्हें देश में प्रवेश करने से हमेशा के लिए रोक दिया गया था। अब चीन को इस फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में माइक वाल्ट्ज ने राष्ट्रपति-चुनाव ट्रंप से आग्रह किया है कि वे यूक्रेन और मध्य-पूर्व के संघर्षों को समाप्त कर चीन को प्राथमिकता दें।