स्पोर्ट्स डेस्क – टीम इंडिया के अनुभवी बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा भले ही तक़रीबन दो वर्षों से राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे हों, लेकिन उनका मानना है कि भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद अभी भी ज़िंदा है। 37 वर्षीय पुजारा ने स्पष्ट किया है कि उन्हें अपने अब तक के करियर पर कोई पछतावा नहीं है और वे वर्तमान में जीने में विश्वास रखते हैं।
पुजारा ने आख़िरी बार जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद से वे टीम चयन से बाहर हैं। भारत के आगामी इंग्लैंड दौरे के आधिकारिक प्रसारक सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन बातचीत में पुजारा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने विचार साझा किए।
पीटीआई के सवाल के जवाब में पुजारा ने कहा,
“अगर मुझे भारत के लिए फिर से खेलने का मौका मिलता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो वर्तमान में रहना पसंद करता है। अगर फिर से देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले, तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।”
उन्होंने कहा कि वे क्रिकेट से अब भी उसी जुनून और समर्पण के साथ जुड़े हुए हैं और खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार रखते हैं।
“मैं अपने क्रिकेट का आनंद लेता हूं, इसलिए जब तक मैं उसका आनंद ले रहा हूं, तब तक खेलता रहूंगा। मैं नियमित रूप से अभ्यास करता हूं और अपनी फिटनेस पर काम करता हूं। आगे क्या होगा, यह मेरे हाथ में नहीं है, लेकिन मैं उन चीज़ों पर हमेशा ध्यान देता हूं जो मेरे नियंत्रण में हैं।”
103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बना चुके पुजारा इस समय घरेलू क्रिकेट और काउंटी क्रिकेट में सक्रिय हैं। उनका कहना है कि स्तर चाहे कोई भी हो – रणजी ट्रॉफी हो, क्लब क्रिकेट या काउंटी – क्रिकेट से जुड़ाव और खेलने की ललक उनके भीतर आज भी वैसी ही है जैसी पहले थी।
पुजारा के इस आत्मविश्वास और समर्पण से साफ है कि भारतीय क्रिकेट का यह ‘दीवार’ सरीखा खिलाड़ी अब भी अंतिम पारी खेलने को तैयार बैठा है। चयनकर्ताओं की निगाहें यदि एक बार फिर अनुभव और धैर्य की ओर मुड़ती हैं, तो पुजारा खुद को तैयार पा सकते हैं – बिना किसी मलाल के, सिर्फ क्रिकेट के आनंद में डूबे हुए।