वॉशिंगटन:अमेरिका में पढ़ाई कर रहे तीन भारतीय छात्रों ने चीन के दो छात्रों के साथ मिलकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एफ-1 स्टूडेंट वीज़ा को रद्द किए जाने के मामले में कानूनी लड़ाई शुरू की है। इन पांचों छात्रों ने न्यू हैम्पशायर की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्लास एक्शन मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि “हमारी वीज़ा स्थिति को एकतरफा और अवैध तरीके से रद्द कर दिया गया है”, जिससे वे अब अमेरिका में कानूनी छात्र नहीं रहे।
170 से अधिक विश्वविद्यालयों पर असर
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च के अंत से अब तक अमेरिका के 170 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों के लगभग 1,100 अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं। इनमें से कई मामलों में ट्रैफिक या पार्किंग जैसे मामूली उल्लंघनों के चलते छात्रों को बिना किसी पूर्व सूचना के उनका स्टेटस खोना पड़ा।
विदेशी छात्रों पर कड़ी कार्रवाई
मुकदमे में यह आरोप लगाया गया है कि अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने “सैकड़ों, शायद हजारों” विदेशी छात्रों और OPT (Optional Practical Training) प्रोग्राम से जुड़े प्रतिभागियों के एफ-1 वीज़ा को अचानक रद्द कर दिया है। इस वजह से छात्रों को हिरासत में लिए जाने या देश से निकाले जाने का खतरा है।
भारतीय छात्रों की पहचान
तीनों भारतीय छात्र — मणिकंता पसुला, लिंकित बाबू गोरेल्ला और थानुज कुमार गुम्मदवेली — न्यू हैम्पशायर स्थित रिवियर यूनिवर्सिटी में मास्टर डिग्री के छात्र हैं। गोरेल्ला मई 2025 में स्नातक करने वाले हैं, जबकि गुम्मदवेली और पसुला की पढ़ाई में एक और सेमेस्टर बाकी है।
छोटे अपराध, बड़ी सजा
पसुला को अमेरिका में वैध ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उन्होंने घटना के 60 दिनों के भीतर भारतीय अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट का इस्तेमाल किया था जो न्यू हैम्पशायर में मान्य है। बाद में उन्होंने $248 का जुर्माना भरकर अमेरिकी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया, फिर भी उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया।
गुम्मदवेली और गोरेल्ला के खिलाफ भी ऐसे ही मामले थे — दोनों को ड्राइविंग लाइसेंस न होने पर मामूली अपराध के तहत दंडित किया गया और बाद में उन्होंने अमेरिकी लाइसेंस प्राप्त किया।
चीनी छात्रों की स्थिति
चीन के छात्र हैंग्रुई झांग और हाओयांग एन के खिलाफ भी ऐसे ही मामूली आरोप थे। झांग को एक गलतफहमी के चलते गिरफ्तार किया गया था जबकि एन पर बिना एक्टिव इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने का आरोप लगा था। हालांकि, दोनों के मामले अदालत में खारिज कर दिए गए, फिर भी उनका वीज़ा स्टेटस रद्द कर दिया गया।
कठिनाई और नुकसान का आरोप
छात्रों का कहना है कि उनके वीज़ा रद्द होने से उन्हें गंभीर शैक्षणिक और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा है। वे OPT प्रोग्राम में काम नहीं कर पा रहे हैं और उनकी डिग्री भी रोक दी गई है। उन्होंने अदालत से वीज़ा की बहाली और गिरफ्तारी/निर्वासन पर रोक की मांग की है।