डेस्क:केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने दंतेवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नक्सलियों से हथियार डालने का आग्रह किया। इस दौरान गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी नक्सली के मारे जाने से किसी को खुशी नहीं होती। उन्होंने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे वे मुख्यधारा का हिस्सा बनेंगे, जो नहीं करेंगे उन्हें सुरक्षाबल पकड़ लेंगे। शाह ने अगले साल मार्च तक भारत से नक्सलवाद का सफाया होने का दावा करते हुए कहा कि अब नक्सली हथियारों के बल पर आदिवासियों के विकास को नहीं रोक सकते, उन्हें विकास यात्रा का हिस्सा बनना ही होगा। गृहमंत्री ने यह बात दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम उत्सव के दौरान कही।
सभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा, ‘वह जमाना चला गया जब यहां पर (बस्तर में) गोलियां चलती थीं और बम विस्फोट होते थे। इसलिए, मैं एक बार फिर आज उन लोगों से जिनके हाथ में हथियार है और जिनके हाथ में हथियार नहीं है उनसे, सभी नक्सली भाइयों से विनती करने आया हूं कि आप हथियार डाल दीजिए और मुख्यधारा में लौट आइए। आप हमारे अपने हैं, जब कोई भी नक्सली मारा जाता है तो किसी को भी खुशी नहीं होती है। मगर इस क्षेत्र को विकास चाहिए, जो विकास यहां 50 साल में नहीं हुआ, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी 5 साल में बस्तर को सबकुछ देना चाहते हैं।’
गृहमंत्री ने बताया कि इस वर्ष अब तक 521 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं, वर्ष 2024 में यह संख्या 881 थी। उधर केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे के बीच शनिवार को 86 नक्सलियों ने माओवादी संगठन को एक तगड़ा झटका देते हुए तेलंगाना सीमा पर स्थित भद्राद्री कोठागुडेम जिले में सामूहिक आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से अधिकांश माओवादी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। समर्पण करने वाले सभी माओवादी लंबे समय से आईईडी ब्लास्ट, फायरिंग, हत्या और ठेकेदारों से वसूली जैसी गंभीर वारदातों में शामिल रहे हैं।