अगरतला: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने रविवार को कहा कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसरो के 10 उपग्रह चौबीसों घंटे रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति में कार्यरत हैं। उन्होंने यह जानकारी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दी, जो मणिपुर की राजधानी इंफाल में आयोजित हुआ।
नारायणन ने बताया कि इसरो उपग्रहों के माध्यम से कृषि, टेली-शिक्षा, टेली-मेडिसिन, टेलीविजन प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान, पर्यावरण संरक्षण, खाद्य सुरक्षा और रक्षा तथा रणनीतिक क्षेत्रों में अहम योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उपग्रहों की भूमिका अत्यंत प्रभावी रही है। “पहले प्राकृतिक आपदाओं में हजारों लोग अपनी जान गंवाते थे, परंतु अब उपग्रहों के कारण समय रहते चेतावनी मिलती है और जान-माल की हानि में भारी कमी आई है,” उन्होंने कहा।
चंद्रयान-1 मिशन की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा, “भारत चंद्रमा की सतह पर जल अणुओं की खोज करने वाला पहला देश है।”
भारत बना उपग्रह प्रक्षेपण में वैश्विक भागीदार
इसरो प्रमुख ने बताया कि भारत अब तक 34 देशों के लिए 433 उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है। इसके साथ ही, भारत ने जी-20 देशों के लिए जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों की निगरानी हेतु उपग्रहों का निर्माण भी किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया का सबसे उन्नत पृथ्वी-इमेजिंग उपग्रह तैयार कर रहे हैं, जिसे भारतीय भूभाग से ही प्रक्षेपित किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, जिसका मुख्यालय इंफाल में है, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में फैले विभिन्न परिसरों के माध्यम से कृषि अनुसंधान और शिक्षा को नया आयाम दे रहा है।