नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बल इस समय एक गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि लगभग 330 ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) तकनीकी खामी के चलते पिछले तीन महीनों से ग्राउंडेड हैं। इन हेलिकॉप्टरों की अनुपलब्धता ने अग्रिम क्षेत्रों में सप्लाई, निगरानी और खोज-बचाव जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों को गहरी चोट पहुंचाई है।
‘ध्रुव’ हेलिकॉप्टर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल के लिए रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं। ये हेलिकॉप्टर दुर्गम सीमावर्ती इलाकों में निरंतर उड़ान, टोही, निगरानी, बचाव और रसद पहुंचाने जैसे कार्यों में इस्तेमाल होते हैं। लेकिन जनवरी में हुए एक दुर्घटना के बाद से इनकी उड़ानें बंद हैं, जिससे सुरक्षा और संचालन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
जनवरी की दुर्घटना बनी बड़ी वजह
5 जनवरी को गुजरात के पोरबंदर में तटरक्षक बल का एक ध्रुव हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें दो पायलट और एक एयरक्रू सदस्य की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि हेलिकॉप्टर में ‘स्वैशप्लेट फ्रैक्चर’ की वजह से पायलटों ने नियंत्रण खो दिया था। इसके बाद सभी ALH को ग्राउंड कर दिया गया। शुरुआती जांच में अन्य हेलिकॉप्टरों में भी समान मटीरियल फेलियर के संकेत मिले हैं।
पायलटों की उड़ान दक्षता पर असर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ALH की ग्राउंडिंग से सैन्य अभियानों की रफ्तार पर भारी असर पड़ा है। पायलट अब केवल सिमुलेटर के जरिए प्रशिक्षण ले पा रहे हैं, जिससे उनकी वास्तविक उड़ान दक्षता प्रभावित हो रही है।
भारतीय सेना सबसे ज्यादा प्रभावित
ALH हेलिकॉप्टरों की सबसे ज्यादा निर्भरता भारतीय थल सेना पर है, जिसके पास 180 से अधिक हेलिकॉप्टर हैं, जिनमें 60 हथियारबंद ‘रुद्र’ वर्जन भी शामिल हैं। वायुसेना के पास 75, नौसेना के पास 24 और तटरक्षक बल के पास 19 ALH हैं। वर्ष 2023-24 में इन हेलिकॉप्टरों से करीब 40,000 उड़ान घंटे पूरे किए गए थे।
जांच जारी, उड़ान बहाली में लग सकते हैं महीने
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इस तकनीकी समस्या की जांच के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की मदद ली है। रिपोर्ट अप्रैल के अंत तक आने की उम्मीद है। अधिकारियों का मानना है कि ALH की सेवा बहाली में अभी तीन महीने और लग सकते हैं।
हेलिकॉप्टरों की भारी कमी
ALH की अनुपलब्धता ने सशस्त्र बलों में पहले से मौजूद हेलिकॉप्टरों की कमी को और बढ़ा दिया है। चेतक और चीता जैसे पुराने सिंगल-इंजन हेलिकॉप्टर पहले ही बार-बार दुर्घटनाओं के चलते भरोसे के लायक नहीं रहे हैं। सेना को आने वाले 10-15 वर्षों में 1,000 से ज्यादा नए हेलिकॉप्टरों की जरूरत है, जिनमें 484 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (LUH) और 419 मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर शामिल हैं।
हालांकि हाल ही में HAL के साथ 62,700 करोड़ रुपये की डील के तहत 156 ‘प्रचंड’ लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर 2028 से 2033 के बीच मिलेंगे।
नागरिक हेलिकॉप्टर बने अस्थायी सहारा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना ने उत्तर और मध्य कमांड में नागरिक हेलिकॉप्टरों को किराए पर लेकर अस्थायी राहत का रास्ता अपनाया है। यह व्यवस्था नवंबर 2024 से शुरू हुई, जिससे अग्रिम चौकियों में जवानों तक रसद और सहायता पहुंचाना संभव हो सका।
ALH की ग्राउंडिंग ने भारत की सैन्य तैयारियों पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। जहां एक ओर पुराने हेलिकॉप्टरों की विश्वसनीयता खत्म हो रही है, वहीं नई परियोजनाएं भी देरी से जूझ रही हैं। ऐसे में सेना को न केवल तकनीकी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, बल्कि भविष्य की सुरक्षा रणनीतियों को भी नए सिरे से देखने की जरूरत है।
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