डेस्क:दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और रेखा गुप्ता सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ दंगे से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में संलिप्तता का आरोप लगाकर कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर और जांच की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर यह आदेश आया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने पाया कि यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की शिकायत के आधार पर पाया कि प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध हुआ है, जिसकी और अधिक जांच की आवश्यकता है। जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘चूंकि शिकायतकर्ता ने एक संज्ञेय अपराध को सामने रखा है, इसकी आगे जांच होनी चाहिए। हम कपिल मिश्रा के खिलाफ और जांच का निर्देश देते हैं क्योंकि पहली नजर में हमारा मानना है कि संज्ञेय अपराध हुआ है। कपिल मिश्रा को इलाके में देखा गया था।’
मोहम्मद इलियास ने अगस्त 2024 में कपिल मिश्रा और 5 अन्य के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए आवेदन दायर किया था। इलियास ने कपिल मिश्रा के अलावा मुस्तफाबाद के भाजपा के तीन नेताओं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जगदीश प्रधान और सतपाल सांसद के खिलाफ शिकायत की थी।
इलियास की तरफ से पेश हुए वकील महमूद प्राचा ने आरोप लगाया कि 23 फरवरी 2020 को उसने (इलियास) ने मिश्रा और उनके सहयोगियों को कर्दमपुरी में सड़क जाम करते हुए और रेहड़ी-पटरियों को नष्ट करते देखा। उन्होंने आगे दावा किया कि तब के डीसीपी (नॉर्थ ईस्ट) और अन्य पुलिसकर्मी मिश्रा के साथ खड़े थे और प्रदर्शनकारियों को इलाका खाली नहीं करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दे रहे थे।
शिकायतकर्ता ने अगले तीन दिनों को लेकर तीन अलग-अलग घटनाओं का दावा किया, जिस दौरान कथित तौर पर उसने देखा कि दयालपुर एसएचओ ने प्रधान, बिष्ट और सांसद के साथ नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया।
सितंबर 2024 में अदालत ने दिल्ली पुलिस से कपिल मिश्रा और अन्य पर लगाए गए आरोपों को लेकर जवाब मांगा। दिल्ली पुलिस ने इलियास की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि जांच से एक साजिश का पता चला जो मिश्रा को फंसाने के लिए रची गई। उन्हें हिंसा करने वाली भीड़ का नेतृत्वकर्ता दिखाने की कोशिश की गई।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अदालत को बताया था कि दिल्ली दंगे से जुड़े मामले में वृहद साजिश का पता लगाने के लिए पहले ही कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच की जा चुकी है। इस केस में जएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और अन्य पर यूएपीए के तहत केस दर्ज हैं। डीसीपी ने कहा था कि शिकायतकर्ता के दावों की पहले से दर्ज कई एफआईआर में जांच की जा चुकी है।