नई दिल्ली:दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के जिलों में अब सीधे बस यातायात सेवा उपलब्ध होगी। लोगों को घर से दफ्तर या बाजार जाने-आने में समय नहीं लगेगा। दिल्ली-एनसीआर में भीड़ का दबाव कम करने और प्रदूषण में कमी लाने के लिए बसों के लिए नए रूट निर्धारित किए गए है जो सीधे और छोटे होंगे। दिल्ली से हस्तिनापुर जाने के लिए अब मेरठ के अंदर से नहीं जाना होगा। इसी तरह बुलंदशहर से सोनीपत जाना है तो दिल्ली या गाजियाबाद नहीं आना होगा। इसके लिए मेरठ के रास्ते सीधा रूट बनाया गया है। छोटे और सीधे रूट के जरिए लोगों का समय कम लगेगा और दिल्ली तथा एनसीआर के शहरों में जाम भी कम लगेगा। एनसीआर में शामिल राज्यों के बीच पारस्परिक सामान्य परिवहन करार हुआ है, जिसमें 84 नई मार्गों का प्रस्ताव भी दिया गया है, जिन पर परमिट व मंजूरी लेकर निजी ऑपरेटर, राज्य परिवहन निगम की बसें चल सकेगी।
समझौता की शर्तों के तहत राज्य के लिए परमिट और किलोमीटर की अवधि भी निर्धारित की गई है। करार 10 वर्ष के लिए मान्य होगा है, जिसे आपसी सहमति के बाद पांच वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकेगा। हर वर्ष दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के परिवहन विभाग के अधिकारियों की नगरीय विकास मंत्रालय भारत सरकार की अगुवाई में समीक्षा बैठक होगी, जिसमें नए रूट व परमिटों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। अब करार एनसीआरपीबी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड) की स्वीकृति मिलते ही लागू हो जाएगा। हरियाणा से दिल्ली के बीच 61, यूपी से हरियाणा के बीच 16 और राजस्थान से हरियाणा के बीच सात रूट प्रस्तावित किए हैं। जबकि पुराने रूट विधिवत रहेंगे। उनके रूट में आंशिक परिवर्तन कर छोटा और सीधा किया गया है। साथ में ख्याल रखा गया है कि एनसीआर के हर जिले और छोटे-बड़े शहर तक सीधे बस सेवा संचालित हो।
कॉरीडोर व्यवस्था से भी चल सकेंगे बस
एनसीआर क्षेत्र में शामिल राज्य अन्य राज्यों के साथ अंतर्राज्यीय बस सेवाओं की आवाजाही के लिए समान कॉरीडोर स्थापित बना सकते हैं। कॉरीडोर व्यवस्था में सबसे छोटे, सीधे और जाम मुक्त मार्गों को बनाया जाएगा। एनसीआर में शामिल राज्य कॉरीडोर व्यवस्था का लाभ लेने वाले राज्य कॉरीडर के भीतर (एनसीआर में) न सवारियों को चढ़ाएंगे और न ही उतारेगा। उदाहरण के लिए अगर उत्तराखंड यूपी के साथ करार करता है कि उसकी बसों को दिल्ली आने-जाने के लिए यूपी में मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद में विशेष कॉरीडोर बनाए, जिससे उसकी बसें सीधे दिल्ली पहुंच सके तो कॉरीडोर पर समझौता होने पर यूपी के संबंधित जिलों में उत्तराखंड परिवहन विभाग की बसों में न सवारी उतरेंगी न ही चढ़ेंगी। इसका मकसद कम समय में सीधे आवागमन की सुविधा देना है।
राजस्थान से दिल्ली के बीच प्रस्तावित रूट परमिट जारी करेगी
अलवर- दिल्ली वाया नौगांव सोहना हरियाणा 2
गुरूग्राम-दिल्ली-अलवर राजस्थान 5, हरियाणा 2
पलवल-दिल्ली-अलवर हरियाणा 5
तिजारा- फिरोजपुर-जिरका राजस्थान 3, हरियाणा 3
तपुकड़ा-नूह वाया – खोरी गौलदा हरियाणा 2
पलवल- दिल्ली- अलवर वाया सोहना हरियाणा 5
रेवाड़ी- अलवर वाया बोलनी बिबरानी, किशनगढ़ राजस्थान 2, हरियाणा 2
उत्तर-प्रदेश से हरियाणा के बीच प्रस्तावित-
रूट परमिट संख्या
भिवाड़ी-गढ़-हापुड़-वाया दिल्ली 1
गढ़-दिल्ली 1
फरीदाबाद-गाजियाबाद वाया दिल्ली 4
फरीदाबाद-बुलंदशहर वाया दिल्ली 2
करनाल -गाजियाबाद वाया दिल्ली 2
पलवल-बुलंदशहर वाया दिल्ली 2
सोनीपत- बड़ौत 5
नोट- इन रूट की लंबाई 1254 किलोमीटर है जिन पर परमिट हरियाणा सरकार जारी करेगी।
यूपी से हरियाणा के बीच प्रस्तावित रूट ( परमिट यूपी सरकार जारी करेगी)-
रूट कुल लंबाई 1976 किलोमीटर परमिट संख्या
मेरठ-शामली- बिड़ौली-करनाल 5
मेरठ -बागपत- सोनीपत 4
मुजफ्फरनगर-जिंद वाया पानीपत 2
खुर्जा-जेवर-पलवल- बल्लभगढ़ 2
बुलंदशहर- जेवर-पलवल-बल्लभगढ़ 2
बुलंदशहर-रेवाड़ी वाया जेवर-पलवल -सोहना – धरूहेड़ी 2
बुलंदशहर-सोनीपत वाया मेरठ-बागपत 2
बुलंदशहर-करनाल-वाया मेरठ-शामली- बिड़ौली 2
नोट: इन रूटों पर निजी क्षेत्र की बसों का परिचालन आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा।
राजस्थान से उत्तर प्रदेश के बीच रूट-
मेरठ-अलवर वाया दिल्ली, गुरूग्राम (2 परमिट यूपी, दो राजस्थान)
बिनौली-बड़ौत-कश्मीरी गेट- अलवर 4 परमिट यूपी
बड़ौत-अलवर वाया गुरूग्राम 6 परमिट यूपी
खैरथल-हस्तिनापुर वाया दिल्ली-मेरठ 2 परमिट राजस्थान