नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में इस बार अक्टूबर महीना बीते पांच सालों में सबसे ज्यादा सूखा रहा। अभी तक महीने के 27 दिन बीत चुके हैं और एक दिन भी हल्की बूंदाबांदी नहीं हुई है। इससे पहले वर्ष 2018 में ऐसा रहा था, जब एक दिन भी बारिश नहीं हुई थी। दिल्ली में इस बार मॉनसून की बारिश तो सामान्य से ज्यादा अच्छी रही, लेकिन सितंबर महीने की 19 तारीख के बाद एक दिन भी बारिश नहीं हुई है। लंबे समय से बारिश नहीं होने का असर दिल्ली के प्रदूषण पर देखा जा सकता है।
राजधानी में जून से लेकर सितंबर तक तो मॉनसून की बारिश होती है। इसके अलावा बाकी दिनों में कुछ-कुछ अंतराल पर पश्चिमी विक्षोभ आते रहते हैं। इन विक्षोभों के चलते पूरे उत्तर भारत के मौसम में बदलाव आता है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इसके चलते बर्फबारी और बारिश होती है तो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी तेज हवा, बूंदाबांदी और बारिश जैसी मौसमी घटनाएं होती हैं। इस बार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है। इसके चलते एक दिन भी ऐसा नहीं रहा है जब बूंदाबांदी हुई हो।
सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है तापमान
पश्चिमी विक्षोभ नहीं आने, दिन भर तेज धूप निकलने और हवा की दिशा मुख्य तौर पर पूर्वी रहने के चलते दिल्ली का तापमान भी लगातार सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। रविवार को सफदरजंग में दिन का अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री रहा, जो कि सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है। आर्द्रता का स्तर 93 से 54 फीसदी रहा।
कितने दिन बारिश वाले
2024 — 00
2023 — 01
2022 — 06
2021 — 07
2020 — 01
2019 — 01
2018 — 00
नोट :- अक्टूबर के आंकड़े 27 तारीख तक के हैं।