वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को फोन पर बातचीत की। यह बातचीत ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने से कुछ दिन पहले हुई। दोनों नेताओं ने अमेरिका और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संकल्प लिया।
शी जिनपिंग ने कहा कि वह डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंधों की “अच्छी शुरुआत” की उम्मीद करते हैं। वहीं, ट्रंप ने कहा, “मुझे विश्वास है कि हम मिलकर कई समस्याओं का समाधान करेंगे, और यह तुरंत शुरू होगा।”
व्यापार और फेंटेनाइल पर जोर
चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने चीन और अन्य व्यापारिक साझेदारों पर भारी शुल्क लगाने की धमकी दी थी। उन्होंने चीन पर फेंटेनाइल के रसायनिक घटकों को अमेरिका तक पहुंचाने का आरोप लगाया, जिससे हर साल 70,000 से अधिक ओवरडोज मौतें होती हैं।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हमने व्यापार, फेंटेनाइल, टिकटॉक और कई अन्य विषयों पर चर्चा की। राष्ट्रपति शी और मैं दुनिया को और अधिक शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”
टिकटॉक और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा
अमेरिकी कांग्रेस ने पिछले साल एक कानून पारित किया था, जिसमें टिकटॉक के चीनी मालिक बाइटडांस को ऐप बेचने या इसे बंद करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, ट्रंप ने चुनावी भाषणों में टिकटॉक को बचाने का वादा किया था और इस कानून को टालने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं।
बढ़ती चिंताएं
डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी से यह आशंका जताई जा रही है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव तेजी से बढ़ सकता है।
चीन ने ट्रंप के संभावित विदेश मंत्री उम्मीदवार मार्को रुबियो की टिप्पणी को “अकारण हमले” करार दिया। रुबियो ने चीन को अमेरिका का “सबसे खतरनाक निकट-समान प्रतिद्वंद्वी” बताया था।
शी जिनपिंग ने दिसंबर में कहा था कि चीन अमेरिका के साथ संवाद करने और सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी थी कि व्यापार युद्ध में “कोई विजेता नहीं” होगा।
बाइडन की विदाई और ट्रंप की वापसी
बाइडन ने अपने विदाई भाषण में कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका-चीन संबंध जटिल रहे, लेकिन कभी टकराव की स्थिति में नहीं पहुंचे। ट्रंप ने शी जिनपिंग के साथ संबंधों को बेहतर बनाने का वादा किया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि उनकी वापसी से इन संबंधों पर क्या असर पड़ेगा।