राजस्थान के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा, ‘राजस्थान में एक साल में चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर आलाकमान अशोक गहलोत को दोनों पद देता है तो यह हमारे लिए ज्यादा अच्छा होगा।’ उन्होंने कहा कि बाकी पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, हम उसके साथ हैं। वहीं सूबे के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हम सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलकर अपील करेंगे कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन न किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें भाजपा को हराना है और अगर चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में लड़ा जाएगा तो इससे पार्टी को फायदा होगा।
सीपी जोशी भी रेस में
आपको बता दें कि गहलोत के पार्टी अध्यक्ष चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा किए जाने के बाद राज्य में सरकार का मुखिया बदले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी का नाम भी चल रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ जोशी 2008 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे लेकिन तब वह विधानसभा चुनाव एक वोट से हार गए थे। इस बीच जाट महासभा सहित कई संगठनों ने किसी जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी उठानी शुरू कर दी है।
नए मुख्यमंत्री को लेकर यह बोले परसादी लाल मीणा
राज्य के आगामी मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री का नाम पार्टी आलाकमान तय करता है। सोनिया गांधी जो तय करेंगी वह सबको मंजूर होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं तो गहलोत जी के साथ था, राजनीति में शुरू से ही, तीसरी बार मंत्री हूं। आलाकमान ने हमेशा (अशोक) गहलोत जी को बनाया है और आलाकमान जिसको बना देगा मैं उसके साथ हूं।’
बाबूलाल नागर ने कही यह बात
मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं वरिष्ठ विधायक बाबूलाल नागर ने मीडिया से कहा, ‘यह (कांग्रेस) सरकार पूरे पांच साल चले और राजस्थान में अगली सरकार भी कांग्रेस की बने इसके लिए जरूरी है कि 2023 के विधानसभा चुनाव गहलोत की छत्रछाया में हो।’ उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री गहलोत ने इस कार्यकाल में चार बजट पेश किए हैं। इनमें उन्होंने राजस्थान के आम आवाम को इस तरह से प्रभावित किया है कि आज राजस्थान के लोग चाहते हैं कि पांचवां बजट भी गहलोत ही मुख्यमंत्री के रूप में पेश करें।’
लोढ़ा बोले- मेरी निजी राय, गहलोत ही रहें सीएम
मुख्यमंत्री के एक अन्य सलाहकार व निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने एक अखबार को दिए अपने साक्षात्कार को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘राजनीतिक फैसले नियम के आधार पर नहीं किये जा सकते। वक्त की नज़ाकत, जरूरत, राय, अपेक्षा, उम्मीद सब का मिश्रण ही निर्णय की सफलता का मार्ग बना सकता है।’ लोढ़ा ने इस इस साक्षात्कार में ‘उनकी निजी राय में गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने’ की बात की।
राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने गहलोत को दोनों पदों पर बनाए रखने की वकालत करते हुए लोढ़ा के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा,’ बिल्कुल सही लिखा । मुझे ध्यान है कि नीलम संजीव रेड्डी 1960 से 1963 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब 20 मार्च 1962 से 20 फरवरी 1964 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।’
गुढ़ा ने पायलट को बताया बेस्ट फेस
वहीं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी करते हुए उन्हें ‘बेस्ट फेस’ बताया है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा,’ कांग्रेस में सचिन पायलट से बेस्ट फेस अब और कोई बचा नहीं है।’ उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से पायलट का मुख्यमंत्री बनना तय है। गुढ़ा ने कहा, ‘आलाकमान जो तय करेगा, वह अंतिम होगा, लेकिन रायशुमारी की बात आती है तो राजस्थान में गहलोत के बाद पायलट से बेहतर कोई और नेता नहीं है।’
नवरात्र में नामांकन करेंगे गहलोत!
इस बीच संभावना है कि गहलोत अगले सप्ताह यानी नवरात्रों में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे। हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। गहलोत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा के बाद जयपुर राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बन गया है। गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शुक्रवार को ही बाहर से जयपुर लौटे। तब से अनेक मंत्रियों व विधायकों का उनसे मिलने का दौर जारी है। शनिवार को भी अनेक मंत्री व विधायक यहां सिविल लाइंस में इन नेताओं के बंगलों पर उनसे मिलने पहुंचे। इस बीच जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने किसी जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है।