नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए अयोग्य ठहराए जाने वाले नोटिस पर जवाब देने के लिए 12 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का समय दिया है। वहीं डिप्टी स्पीकर ने विधायकों को आज तक का ही समय दिया था। इस तरह शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर फिलहाल रोक लग गई है।
विधायकों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया महाराष्ट्र सरकार को निर्देश
एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर समेत महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने एकनाथ शिंद व अन्य 15 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस दिया था। विधायकों की तरफ से जान की धमकी मिलने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और ऐसे कदम उठाए कि उनकी संपत्ति को भी नुकसान न पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर कार्यालय के दस्तावेज मांगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा के सक्षम अधिकारी से जवाब मांगा जाएगा कि उन्हें अपने खिलाफ प्रस्ताव मिला था या नहीं? सख्त लहजे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या डिप्टी स्पीकर अपने ही मामले में जज बन गए हैं और प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि ईमेल के माध्यम से भेजा गया निष्कासन का प्रस्ताव प्रामाणिक नहीं है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर कार्यालय के सभी रेकॉर्ड देखे जाएंगे।
विधायकों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया महाराष्ट्र सरकार को निर्देश
एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर समेत महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने एकनाथ शिंद व अन्य 15 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस दिया था। विधायकों की तरफ से जान की धमकी मिलने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और ऐसे कदम उठाए कि उनकी संपत्ति को भी नुकसान न पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर कार्यालय के दस्तावेज मांगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा के सक्षम अधिकारी से जवाब मांगा जाएगा कि उन्हें अपने खिलाफ प्रस्ताव मिला था या नहीं? सख्त लहजे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या डिप्टी स्पीकर अपने ही मामले में जज बन गए हैं और प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि ईमेल के माध्यम से भेजा गया निष्कासन का प्रस्ताव प्रामाणिक नहीं है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर कार्यालय के सभी रेकॉर्ड देखे जाएंगे।