मुंबई:महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर दिया है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुकाबले शिंदे सेना ने सत्ता के फाइनल में भी जीत हासिल कर ली है। बहुमत परीक्षण से इस बात पर मुहर लग गई है कि फिलहाल एकनाथ शिंदे सरकार को कोई खतरा नहीं है। उनकी सरकार के समर्थन में कुल 164 वोट पड़े हैं, जबकि 99 वोट विरोध में पड़े। इससे पहले रविवार को स्पीकर के चुनाव में भी भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट के प्रत्याशी राहुल नार्वेकर भी इतने ही वोट हासिल करके जीते थे।
वोटिंग में पूर्व सीएम अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के 5 विधायक हिस्सा नहीं ले सके। कहा जा रहा है कि ये लोग विधानसभा में 11 बजे के तय वक्त के बाद पहुंचे और तब तक दरवाजे बंद हो चुके थे। ऐसे में उन्हें वोटिंग का मौका नहीं मिल सका। वहीं, शिवसेना के महज 15 विधायकों ने ही पार्टी की व्हिप के आधार पर सरकार के खिलाफ वोट डाला, जबकि 40 विधायकों ने शिंदे सरकार के समर्थन में मतदान किया। यही नहीं इस दौरान उद्धव ठाकरे की शिवसेना पहले से भी कमजोर नजर आई। उनके समर्थक रहे विधायक संतोष बांगड़ भी सोमवार को एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में दिखाई दिए। उनके अलावा एक और विपक्षी विधायक श्याम सुंदर शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे सरकार को वोट दिया।
स्पीकर ने पहले ध्वनिमत से वोटिंग का प्रयास किया था, लेकिन इस पर विपक्ष ने ऐतराज जताया था। इस पर स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दोनों पक्षों के विधायकों को सीट पर ही खड़ा कराया और फिर विधानसभा के कर्मचारियों ने उनके पास जाकर मत लिया और उसके आधार पर ही फैसला लिया। इस दौरान एक दिलचस्प नजारा भी विधानसभा में देखने को मिला।
उद्धव गुट के विधायकों ने लगाए ईडी-ईडी के नारे
बागी विधायक प्रताप सरनाइक ने जब एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थन में मतदान किया तो उद्धव ठाकरे समर्थक शिवसेना विधायकों ने ईडी-ईडी के नारे लगाए। इससे पहले रविवार को स्पीकर के चुनाव में एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से घोषित प्रत्याशी राहुल नार्वेकर को 164 वोट हासिल हुए थे। भाजपा के पहली बार के विधायक राहुल नार्वेकर को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों, भाजपा और कुछ निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था।