चंडीगढ़:राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पहले ही आंतरिक कलह से जूझती कांग्रेस के लिए हरियाणा के हालात भी परेशानी का सबब बन सकते हैं। खबर है कि राज्य के नए प्रभारी दीपक बाबरिया की पहली ही बैठक में नेताओं के बीच गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। ओक ओ जहां प्रदेश कांग्रेस की पूर्व प्रमुख कुमारी शैलजा बीच बैठक से ही बाहर चली गईं। वहीं, रणदीप सुरजेवाला समेत कई नेताओं के गुट अपने-अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी करते नजर आए।
गुजरात कांग्रेस के नेता बाबरिया को दिल्ली और हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने शनिवार को चंडीगढ़ में पार्टी दफ्तर में बैठक ली थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके सामने ही मंच साझा कर रहे नेता एक-दूसरे की बातचीत में रोकटोक करते नजर आए। उस दौरान बाबरिया ने खुद नेताओं से एकजुटता पेश करने की अपील की।
बैठक से निकलीं शैलजा, हुड्डा की बात को किया खारिज
खबर है कि शैलजा जारी बैठक के पूरी होने से पहले ही बाहर निकल गईं थीं। हालांकि, उन्होंने बाद में कहा कि अन्य जरूरी कामों के चलते उन्हें जाना पड़ा और पार्टी नेतृत्व को इस बारे में जानकारी दे दी गई थी। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि हुड्डा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र की तरफ से कांग्रेस से जुड़े दस्तावेज सामने रखे, तो शैलजा ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का घोषणापत्र नहीं है और इसे समिति की तरफ से ही तैयार किया जाना चाहिए और पार्टी की तरफ से जारी किया जाना चाहिए।
नारेबाजी का दौर
बैठक के दौरान हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान गुट, किरण चौधरी गुट, शैलजा गुट और सुरजेवाला गुट ने अपने-अपने नेताओं के लिए जमकर नारेबाजी की। कहा जा रहा है कि नौबत यहां तक आ गई कि नारेबाजी के चलते बाबरिया को नेताओं को फटकार लगानी पड़ी। एक ओर जहां शैलजा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और बाबरिया के लिए नारेबाजी की मांग करती हुईं नजर आईं। वहीं, हुड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के लिए नारे लगाने को कहा।
लंबे समय से जारी है तकरार
हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय से तकरार जारी है। 2019 विधानसभा चुनाव में हार के बाद अशोक तंवर को हटाकर शैलजा को अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद हुड्डा से तनातनी के बीच हुड्डा के ही करीबी माने जाने वाले उदय भान को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी गई। बीते साल वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने भी हुड्डा पर नजरअंदाज करने के आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।
माना जा रहा है कि हुड्डा के समर्थन में हरियाणा कांग्रेस के सबसे ज्यादा विधायक हैं। ऐसे में पार्टी विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी।